महाराष्ट्र की महायुति सरकार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस कथित तौर पर शिवसेना (शिंदे गुट) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट) के कुछ विवादित मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और एक अन्य उपमुख्यमंत्री अजित पवार इस मुद्दे पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। विपक्ष भी इस मामले को लेकर सरकार पर लगातार दबाव बना रहा है।
पिछले कुछ हफ्तों से, महायुति सरकार के तीन मंत्रियों को लेकर विवाद सामने आए हैं, जिससे सरकार को काफी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है।
पहला मामला सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट (एकनाथ शिंदे गुट) से जुड़ा है। उन पर आरोप है कि उन्होंने छत्रपति संभाजीनगर में एक होटल की नीलामी को ‘मैनेज’ किया, जिससे उनके बेटे को यह महंगा फाइव स्टार होटल कौड़ियों के दाम मिल गया। इस विवाद के बीच शिरसाट का एक वीडियो भी सामने आया, जिसमें वह अपने बेडरूम में नकदी से भरा बैग रखे नजर आए, जिस पर विपक्ष ने तीखे सवाल उठाए।
दूसरा विवाद कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे (अजित पवार गुट) से संबंधित है। उनका एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वह विधान परिषद में अपने फोन पर ऑनलाइन कार्ड गेम ‘रमी’ खेलते हुए दिखे। इस घटना ने भी महायुति सरकार को सवालों के घेरे में ला दिया।
तीसरा मामला राज्य मंत्री योगेश कदम के परिवार (एकनाथ शिंदे गुट) पर मुंबई में अवैध रूप से एक डांस बार चलाने के आरोप से जुड़ा है। हैरानी की बात यह है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सार्वजनिक रूप से योगेश कदम का समर्थन करते हुए कहा है कि उन्हें निराधार आरोपों के आधार पर माफी मांगने की जरूरत नहीं है और शिवसेना उनके साथ खड़ी है।
सूत्रों के मुताबिक, देवेंद्र फडणवीस इन विवादों के कारण काफी असहज हैं और जल्द से जल्द इन मंत्रियों पर कार्रवाई या मंत्रिमंडल में बदलाव चाहते हैं, ताकि सरकार की छवि और आगामी स्थानीय निकाय चुनावों पर इसका नकारात्मक प्रभाव न पड़े। हालांकि, एकनाथ शिंदे और अजित पवार अपने-अपने गुट के मंत्रियों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे महायुति के भीतर तनाव बढ़ता दिख रहा है। विपक्ष भी इस मुद्दे को भुनाने की पूरी कोशिश कर रहा है, और आने वाले दिनों में यह विवाद और गहरा सकता है।