महाराष्ट्र की राजनीति में आज एक बड़ा और भावुक क्षण देखने को मिला, जब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे अपने चचेरे भाई और शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से मिलने उनके निवास ‘मातोश्री’ पहुंचे। यह मातोश्री’ में यह मुलाकात लगभग 13 साल बाद हुई है और इसे दोनों भाइयों के बीच राजनीतिक दूरियों के कम होने का संकेत माना जा रहा है। राज ठाकरे ने उद्धव ठाकरे को उनके 65वें जन्मदिन की बधाई दी। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मुलाकात भविष्य में दोनों गुटों के बीच किसी संभावित गठबंधन या कम से कम समन्वय का मार्ग प्रशस्त कर सकती है।
मातोश्री पहुंचने पर राज ठाकरे का उद्धव ठाकरे और उनके परिवार ने गर्मजोशी से स्वागत किया। मुलाकात के दौरान दोनों के बीच काफी देर तक बातचीत हुई। हालांकि, मुलाकात के एजेंडे को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि इसमें राजनीतिक स्थिति और पारिवारिक संबंधों पर चर्चा हुई होगी।
यह ध्यान देने योग्य है कि राज ठाकरे ने साल 2006 में शिवसेना से अलग होकर अपनी पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का गठन किया था। तब से दोनों भाइयों के बीच राजनीतिक दूरियां बनी हुई थीं, जो समय-समय पर सार्वजनिक बयानों में भी दिखती थीं। हालांकि, पिछले कुछ समय से ऐसी अटकलें थीं कि दोनों भाई फिर से करीब आ सकते हैं, खासकर तब जब शिवसेना में विभाजन हुआ और उद्धव ठाकरे को अपनी पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न गंवाना पड़ा। इस मुलाकात के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में नए समीकरण बनने की उम्मीद है। देखना यह होगा कि क्या यह ‘घर वापसी’ महाराष्ट्र की सियासत को कोई नया मोड़ देती है।
20 साल बाद हुई थी रैली
‘मराठी विजय दिवस’ रैली में हाल ही में दोनों नेताओं ने मराठी भाषा, अस्मिता और महाराष्ट्र की सांस्कृतिक पहचान पर आधारित संदेश दिया। राज ठाकरे ने कहा था कि जो बाला साहेब नहीं कर पाए, देवेन्द्र फड़णवीस ने हमें फिर से साथ ला दिया।