उत्तराखंड के पवित्र शहर हरिद्वार में स्थित प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर के मार्ग पर रविवार सुबह भगदड़ मचने से बड़ा हादसा हो गया। इस दुखद घटना में कम से कम छह श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 30 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। घायलों को तुरंत पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है।
यह घटना सुबह उस समय हुई जब कांवड़ यात्रा समाप्त होने के बाद मनसा देवी और चंडी देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी। बताया जा रहा है कि मनसा देवी मंदिर पहाड़ पर स्थित है और दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को संकरे और सीढ़ीदार रास्ते से होकर गुजरना पड़ता है। भीड़ बढ़ने और संभवतः किसी अफवाह के कारण भगदड़ मच गई।
हरिद्वार के एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोभाल ने बताया कि मंदिर मार्ग से 100 मीटर नीचे सीढ़ियों पर बिजली का झटका लगने की अफवाह फैली, जिसके बाद लोगों में अफरा-तफरी मच गई और वे एक-दूसरे पर गिरने लगे। हालांकि, गढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने करंट लगने की बात को खारिज करते हुए भीड़ को ही हादसे का कारण बताया है।
हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस, एसडीआरएफ और अन्य बचाव दल मौके पर पहुंच गए और तुरंत राहत व बचाव कार्य शुरू किया गया। गंभीर रूप से घायल लोगों को प्राथमिकता के आधार पर अस्पताल पहुंचाया गया।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस दुखद घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा, “हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर मार्ग में भगदड़ मचने का अत्यंत दुखद समाचार मिला है। उत्तराखंड एसडीआरएफ, स्थानीय पुलिस और अन्य बचाव दल मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य में जुटे हैं। मैं इस संबंध में लगातार स्थानीय प्रशासन के संपर्क में हूं और स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। माता रानी से सभी श्रद्धालुओं के सकुशल होने की प्रार्थना करता हूं।”
यह घटना धार्मिक स्थलों पर भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े कर रही है। प्रशासन ने हादसे की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।

