भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच बहुप्रतीक्षित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर सहमति बन गई है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों में एक नया अध्याय शुरू होगा। इस समझौते का उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देना, टैरिफ बाधाओं को कम करना और उपभोक्ताओं के लिए उत्पादों को सस्ता बनाना है। इस डील से 2030 तक दोनों देशों के बीच व्यापार को दोगुना कर 120 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
भारत के किन निर्यातों को मिलेगी टैरिफ से छूट?
यह समझौता भारत के लिए एक बड़ा अवसर है, क्योंकि ब्रिटेन भारत से आयात होने वाले 99% उत्पादों पर टैरिफ खत्म करेगा या उसे काफी कम करेगा। इससे भारतीय निर्यातकों को ब्रिटिश बाजार में प्रतिस्पर्धात्मक लाभ मिलेगा। जिन प्रमुख भारतीय उत्पादों को टैरिफ छूट से लाभ मिलेगा उनमें शामिल हैं:
- वस्त्र और परिधान: कपड़ा, रेडीमेड गारमेंट्स और फैशन उत्पाद।
- चमड़ा और जूते: चमड़े के उत्पाद, जूते और सहायक उपकरण।
- रत्न और आभूषण: हीरे, सोने के आभूषण और अन्य रत्न।
- ऑटो घटक: वाहनों के स्पेयर पार्ट्स और घटक।
- मरीन उत्पाद: समुद्री खाद्य उत्पाद।
- फर्नीचर, रसायन, मशीनरी और खेल सामग्री: इन क्षेत्रों में भी निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।
इससे भारतीय मैन्युफैक्चरिंग, टेक्सटाइल और ज्वेलरी सेक्टर को बड़ा फायदा मिलने की उम्मीद है, जिससे नए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
ब्रिटेन की कौन सी चीजें भारत में सस्ती होंगी?
वहीं, भारत भी ब्रिटेन से आने वाले लगभग 90% उत्पादों पर टैरिफ कम करेगा या उसे समाप्त करेगा। इससे भारतीय उपभोक्ताओं के लिए कई ब्रिटिश उत्पाद सस्ते हो जाएंगे। प्रमुख सस्ती होने वाली चीजें:
- व्हिस्की और जिन: ब्रिटिश स्कॉच व्हिस्की पर लगने वाले उच्च टैरिफ में महत्वपूर्ण कमी आएगी। शुरुआती दौर में यह 150% से घटकर 75% और फिर अगले 10 वर्षों में 40% तक पहुंच सकता है।
- मोबाइल और लैपटॉप: यूके से आयातित इलेक्ट्रॉनिक्स पर टैक्स कम होने से गैजेट्स सस्ते हो सकते हैं।
- ज्वेलरी और गहने: ब्रिटेन से आने वाले आभूषणों पर कस्टम ड्यूटी घटने से उनकी कीमतें कम होंगी।
- कुछ ऑटोमोबाइल: चुनिंदा ब्रिटिश कारों पर वर्तमान में लगने वाला 100% से अधिक शुल्क कोटा के तहत घटकर 10% तक हो सकता है।
- कॉस्मेटिक्स, मेडिकल डिवाइसेज, सैल्मन मछली, चॉकलेट और बिस्किट्स जैसे उत्पादों पर भी कम टैक्स लगेगा।
हालांकि, भारत ने अपने घरेलू हितों की रक्षा के लिए कुछ संवेदनशील कृषि उत्पादों जैसे धान और गेहूं पर टैरिफ में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया है। इस समझौते से दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध और मजबूत होंगे, जिससे आर्थिक विकास को गति मिलेगी।