भारत द्वारा चावल की बड़ी खेप भेजे जाने से रूस बेहद प्रसन्न हुआ है। रूसी मीडिया ने भारत के इस कदम की दिल खोलकर तारीफ की है, जिससे दोनों देशों के बीच मजबूत और पुराने व्यापारिक संबंध एक बार फिर उजागर हुए हैं।
दरअसल, भारत ने पिछले कुछ महीनों में रूस को चावल की कई खेप भेजी हैं, जिनमें विशेष रूप से बाल्टिक सागर के किनारे स्थित कैलिनिनग्राद जैसे दूरस्थ रूसी क्षेत्रों में आपूर्ति की गई है। कैलिनिनग्राद रूस का एक सुदूर क्षेत्र है, और वहां तक चावल की आपूर्ति पहुंचाना एक महत्वपूर्ण logistical उपलब्धि मानी जा रही है।
भारत विश्व स्तर पर चावल का एक प्रमुख निर्यातक है, और रूस उसके अहम आयातक भागीदारों में से एक है। भारत रूस को बासमती, पारबॉयल्ड और लंबे दाने वाले चावल सहित विभिन्न प्रकार के चावल निर्यात करता है। 2025 की शुरुआत से, भारत ने कैलिनिनग्राद को ही लगभग 390 टन चावल की आपूर्ति की है, जिसका व्यापार प्रवाह लगभग 470,000 डॉलर का है।
रूस के लिए भारतीय चावल की यह आपूर्ति ऐसे समय में और भी महत्वपूर्ण हो जाती है जब वैश्विक स्तर पर खाद्य सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं। भारत के इस सहयोग को रूस एक “असली दोस्त” के रूप में देख रहा है, जो मुश्किल वक्त में साथ खड़ा है। यह न केवल व्यापारिक संबंध बल्कि दोनों देशों के बीच गहरे विश्वास और साझेदारी को भी दर्शाता है। रूस भारत से झींगा, तंबाकू, मसाले और दवाइयों जैसे अन्य उत्पाद भी बड़ी मात्रा में खरीदता है, जिससे दोनों देशों के बीच सालाना व्यापार अब 13 अरब डॉलर से भी ज्यादा का हो चुका है।