उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार, 19 जुलाई 2025 को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। इन हाई-प्रोफाइल मुलाकातों ने उत्तर प्रदेश भाजपा में बड़े फेरबदल और आगामी रणनीतियों को लेकर अटकलों को तेज कर दिया है।
सूत्रों के अनुसार, योगी आदित्यनाथ ने पीएम मोदी के साथ करीब सवा घंटे तक बैठक की, जिसके बाद उन्होंने नड्डा और शाह से अलग-अलग मुलाकात की। अमित शाह के साथ उनकी बैठक लगभग 45 मिनट तक चली। इन बैठकों को उत्तर प्रदेश में भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष के चयन, आगामी मंत्रिमंडल विस्तार और 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए रणनीति पर केंद्रित माना जा रहा है।
पिछले कुछ समय से उत्तर प्रदेश भाजपा में संगठनात्मक और मंत्रिमंडलीय स्तर पर बदलाव की चर्चाएं चल रही हैं। लोकसभा चुनाव के बाद से ही मंत्रिमंडल में फेरबदल की अटकलें तेज हैं, क्योंकि कुछ मंत्रियों के पद खाली हैं और कुछ नए चेहरों को शामिल करने की बात कही जा रही है। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने भी हाल ही में अमित शाह से मुलाकात की थी, जिससे इन अटकलों को और बल मिला था।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के पद को लेकर भी कई नामों पर विचार चल रहा है, जिनमें ओबीसी और दलित चेहरों को प्राथमिकता देने की बात कही जा रही है। पार्टी 2027 के विधानसभा चुनावों और 2029 के लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए “लॉन्ग टर्म लीडरशिप प्लान” पर विचार कर रही है। नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर अंतिम मुहर संघ की सहमति और योगी आदित्यनाथ की स्वीकृति के बाद ही लगने की उम्मीद है।
सीएम योगी की दिल्ली यात्रा ने उत्तर प्रदेश भाजपा में संगठन और सरकार दोनों स्तरों पर बड़े बदलावों की संभावनाओं को हवा दे दी है। आने वाले कुछ दिनों में इन मुलाकातों के परिणामों के रूप में कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं देखने को मिल सकती हैं।