एअर इंडिया के एक विमान से जुड़ी दुर्घटना की खबरों को लेकर भारतीय पायलट महासंघ (FIP) ने प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय मीडिया समूहों, द वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) और रॉयटर्स को कानूनी नोटिस भेजा है। एफआईपी ने इन मीडिया घरानों पर “झूठी, भ्रामक और मानहानिकारक” खबरें प्रकाशित करने का आरोप लगाया है और उनसे सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की है।
एफआईपी ने अपने नोटिस में कहा है कि वॉल स्ट्रीट जर्नल और रॉयटर्स ने बिना किसी पुख्ता सबूत या आधिकारिक पुष्टि के एअर इंडिया प्लेन क्रैश की खबरों को लेकर खबरें फैलाईं। अंतर्राष्ट्रीय मीडिया के कुछ वर्ग बार-बार चुनिंदा और असत्यापित रिपोर्टिंग के माध्यम से निष्कर्ष निकालने का प्रयास कर रहे हैं। इन खबरों के कारण एयरलाइन, उसके कर्मचारियों और भारतीय विमानन उद्योग की प्रतिष्ठा को गंभीर नुकसान पहुंचा है। महासंघ का कहना है कि ऐसी गैर-जिम्मेदाराना रिपोर्टिंग से यात्रियों के बीच अनावश्यक भय और भ्रम पैदा हुआ है।
महासंघ ने यह भी उल्लेख किया है कि इन झूठी खबरों के कारण एअर इंडिया के संचालन पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ा और उसके शेयरों में भी गिरावट दर्ज की गई। नोटिस में मांग की गई है कि दोनों मीडिया आउटलेट अपनी रिपोर्ट वापस लें और एक सार्वजनिक माफी जारी करें, जिसमें स्वीकार किया जाए कि उनकी खबरें निराधार थीं।
एफआईपी ने चेतावनी दी है कि यदि वे माफी नहीं मांगते हैं, तो महासंघ उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने पर विचार करेगा। यह घटना अंतरराष्ट्रीय मीडिया की रिपोर्टिंग की सत्यता और जिम्मेदारी पर सवाल उठाती है, खासकर ऐसे संवेदनशील मामलों में जहां सुरक्षा और सार्वजनिक विश्वास शामिल होता है। भारतीय विमानन नियामक प्राधिकरणों ने भी इन खबरों को सिरे से खारिज कर दिया है और स्पष्ट किया है कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई है।