इंदौर ने स्वच्छता के मामले में एक बार फिर अपना परचम लहराया है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा जारी ‘स्वच्छ सर्वेक्षण 2025’ के नतीजों में मध्य प्रदेश का इंदौर शहर लगातार आठवीं बार देश का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया है। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने गुरुवार को विज्ञान भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में इंदौर को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किया। इस उपलब्धि के साथ इंदौर ने स्वच्छता के क्षेत्र में अपनी निरंतरता और प्रतिबद्धता को फिर से साबित किया है।
इस साल के सर्वेक्षण में गुजरात का सूरत शहर एक बार फिर दूसरे स्थान पर रहा, जिसने लगातार दूसरे साल शीर्ष पायदान पर इंदौर को कड़ी टक्कर दी है। तीसरे स्थान पर महाराष्ट्र का नवी मुंबई रहा, जिसने शहरी स्वच्छता में अपनी मजबूत स्थिति बरकरार रखी है।
इंदौर की इस लगातार आठवीं जीत के पीछे उसकी व्यापक अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली, नागरिकों की सक्रिय भागीदारी, और नगर निगम के अथक प्रयास मुख्य कारण रहे हैं। शहर में घर-घर कचरा संग्रहण, कचरे का 100% पृथक्करण, और बायो-सीएनजी जैसे अभिनव संयंत्रों का सफल संचालन इसकी सफलता की कुंजी रहा है। स्वच्छता को लेकर इंदौर में एक जन आंदोलन का रूप ले लिया गया है, जहां हर नागरिक अपनी जिम्मेदारी समझता है।
स्वच्छ सर्वेक्षण 2025 में इस वर्ष ‘रिड्यूस, रीयूज, रीसाइकल’ (Reduce, Reuse, Recycle) की थीम पर विशेष जोर दिया गया था। इस सर्वेक्षण में देश भर के 11 लाख से अधिक घरों का आकलन किया गया और लगभग 40 करोड़ शहरी आबादी के लिए स्वच्छता संबंधी प्रयासों की जानकारी एकत्र की गई। इस वर्ष पहली बार शहरों को पांच जनसंख्या-आधारित श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया था, जिससे हर आकार के शहरों को अपनी स्वच्छता के लिए पहचान मिल सके।
इस साल कुल 78 पुरस्कार विभिन्न श्रेणियों में दिए गए, जिसमें मध्य प्रदेश के अन्य शहरों जैसे भोपाल, उज्जैन, बुधनी, ग्वालियर, देवास, शाहगंज और जबलपुर को भी विभिन्न श्रेणियों में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार समारोह शहरों को स्वच्छता मानकों में सुधार के लिए प्रोत्साहित करता है और नागरिकों में साफ-सफाई के प्रति जागरूकता बढ़ाता है। इंदौर की यह ऐतिहासिक जीत पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत है।