संसद सत्र शुरू होने से पहले, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक संयुक्त पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने जम्मू-कश्मीर को तत्काल पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए एक कानून लाने की मांग की है।
दोनों नेताओं ने तर्क दिया है कि जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने और स्थानीय लोगों के अधिकारों को बहाल करने के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा आवश्यक है। उन्होंने जोर दिया कि 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद से केंद्र शासित प्रदेश के रूप में जम्मू-कश्मीर के लोग कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।
खरगे और राहुल गांधी ने अपने पत्र में कहा है, “जम्मू-कश्मीर के लोगों को उनके लोकतांत्रिक और संवैधानिक अधिकारों से वंचित नहीं रखा जा सकता। उन्हें जल्द से जल्द पूर्ण राज्य का दर्जा वापस मिलना चाहिए ताकि वे अपनी नियति का स्वयं निर्धारण कर सकें।” उन्होंने आगे कहा कि राज्य का दर्जा बहाल करने से न केवल वहां के लोगों में विश्वास बहाल होगा, बल्कि यह क्षेत्र में शांति और स्थिरता लाने में भी मदद करेगा।
पत्र में कहा, पिछले पांच वर्षों से जम्मू-कश्मीर के लोग पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग कर रहे हैं। यह मांग जायज होने के साथ-साथ उनका संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकार भी है। यह समझना जरूरी है कि जहां अतीत में केंद्र शासित प्रदेशों को राज्य का दर्जा दिए जाने के उदाहरण रहे हैं, वहीं जम्मू-कश्मीर का मामला आजाद भारत में बेमिसाल है। यह पहली बार है जब किसी पूर्ण राज्य को उसके विभाजन के बाद केंद्र शासित प्रदेश में बदल दिया गया है।’
इस पत्र के माध्यम से, कांग्रेस ने आगामी संसद सत्र में जम्मू-कश्मीर के मुद्दे को एक प्रमुखता से उठाने का संकेत दिया है। पार्टी लगातार यह मांग करती रही है कि केंद्र सरकार को इस संवेदनशील मुद्दे पर स्पष्ट रुख अपनाना चाहिए और घाटी में जल्द से जल्द विधानसभा चुनाव कराने चाहिए।
यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस पत्र पर क्या प्रतिक्रिया देती है और क्या संसद सत्र में जम्मू-कश्मीर के दर्जे को लेकर कोई महत्वपूर्ण चर्चा या पहल होती है। कांग्रेस का यह कदम आगामी चुनावों को देखते हुए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि पार्टी इस मुद्दे को जनता के बीच भुनाने की कोशिश कर सकती है।