लंदन के ऐतिहासिक लॉर्ड्स मैदान पर खेला गया भारत और इंग्लैंड के बीच तीसरा टेस्ट मैच बेहद रोमांचक रहा, लेकिन अंत में जीत मेजबान इंग्लैंड के नाम रही। इंग्लैंड ने भारत को 22 रनों से हराकर एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में 2-1 की बढ़त बना ली है। यह विदेशी धरती पर भारत की दूसरी सबसे करीबी हार है, और इस हार ने करोड़ों भारतीय प्रशंसकों के दिल तोड़ दिए हैं। 193 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम पांचवें दिन 170 रन बनाकर ऑलआउट हो गई। रवींद्र जडेजा (नाबाद 61) ने निचले क्रम के बल्लेबाजों के साथ मिलकर जुझारू पारी खेली और टीम को जीत के करीब ले गए, लेकिन मोहम्मद सिराज के दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से आउट होने के साथ ही भारत की उम्मीदें भी टूट गईं।
मैच के पांचवें दिन भारत ने 58/4 के स्कोर से आगे खेलना शुरू किया। हालांकि, शुरुआती घंटे में ही इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों ने कहर बरपाया और भारत ने जल्दी-जल्दी विकेट गंवा दिए। भारत ने ऋषभ पंत (9 रन), केएल राहुल (39 रन) के विकेट गंवाए। वॉशिंगटन सुंदर खाता नहीं खोल सके। फिर नीतीश (13) भी पवेलियन लौटे। एक समय भारत का स्कोर 112 रन पर 8 विकेट था। इसके बाद जडेजा ने जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज के साथ मिलकर शानदार प्रतिरोध किया, जिससे इंग्लैंड को जीत के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा। जडेजा को सिराज का साथ मिला। दोनों ने आखिरी विकेट के लिए 80 गेंदों में 23 रन जोड़े। सिराज का विकेट गिरते ही भारत की जीत की उम्मीदें समाप्त हो गईं।
इस हार के कई कारण रहे, जिनमें पहली पारी में बल्लेबाजी का लड़खड़ाना और एक्स्ट्रा रनों के रूप में दिए गए 63 रन प्रमुख थे। इंग्लैंड ने अपनी पहली पारी में 387 रन बनाए थे, जिसके जवाब में भारत भी 387 रन ही बना सका था। इसके बाद इंग्लैंड ने दूसरी पारी में 192 रन बनाए थे, जिसने भारत को 193 रनों का लक्ष्य दिया।
इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स को उनके ऑलराउंड प्रदर्शन (दूसरी पारी में 3 विकेट और कुल 77 रन) के लिए ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ चुना गया। इस हार के बाद भारतीय टीम को अगले टेस्ट मैच में जोरदार वापसी करनी होगी, ताकि वे सीरीज में वापसी कर सकें।