कतर स्थित अमेरिका के सबसे बड़े सैन्य अड्डे अल उदीद एयर बेस पर 23 जून को हुए ईरानी मिसाइल हमले को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। ईरान इंटरनेशनल और अन्य मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सैटेलाइट तस्वीरों ने स्पष्ट रूप से एयरबेस पर हुए नुकसान को दिखाया है, जिससे अमेरिकी और कतर के शुरुआती दावों पर सवाल उठ रहे हैं कि हमले में कोई महत्वपूर्ण क्षति नहीं हुई थी। ये खुलासे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान पर भी संदेह पैदा करते हैं, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि ईरान के परमाणु ठिकानों पर हुए अमेरिकी हमलों से कोई नुकसान नहीं हुआ था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सैटेलाइट तस्वीरों में अल उदीद एयर बेस के एक महत्वपूर्ण संचार सुविधा (कम्युनिकेशन रेडोम) को निशाना बनाया गया है, जिससे वहां काला धब्बा दिखाई दे रहा है। यह रेडोम, जिसे मॉडर्नाइजेशन एंटरप्राइज टर्मिनल (MET) के नाम से जाना जाता है, पूरे क्षेत्र में अमेरिकी सैनिकों के लिए आवाज, वीडियो और डेटा संचार के लिए महत्वपूर्ण है। इसकी कीमत लगभग 15 मिलियन डॉलर बताई जाती है और यह उन्नत एंटी-जैमर तकनीक से लैस है। इसके अलावा, पास के एक हैंगर पर भी कुछ नुकसान की बात कही जा रही है।
ईरान ने दावा किया था कि यह हमला तेहरान में उसके तीन परमाणु स्थलों पर अमेरिकी बमबारी के जवाब में किया गया था। हमले के तुरंत बाद, अमेरिका और कतर ने सार्वजनिक रूप से कोई बड़े नुकसान से इनकार किया था। हालांकि, अब सामने आईं सैटेलाइट तस्वीरें इन दावों के विपरीत दिख रही हैं।
यह घटना अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान को भी कठघरे में खड़ा करती है, जिसमें उन्होंने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हुए अमेरिकी हमलों के बाद कहा था कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम खत्म हो गया है और उसे कोई नुकसान नहीं हुआ। अमेरिकी मीडिया की लीक हुई पेंटागन रिपोर्टों ने भी तब दावा किया था कि ईरान के परमाणु ठिकानों को मामूली क्षति हुई है, जिससे ट्रंप के दावों पर सवाल उठे थे।
अल उदीद एयर बेस पश्चिम एशिया में अमेरिकी सेंट्रल कमांड के एयर ऑपरेशन्स का मुख्यालय है, जहां लगभग 8,000 अमेरिकी सैनिक रहते हैं। इस हमले और उसके बाद के खुलासों ने क्षेत्र में तनाव को बढ़ा दिया है और भू-राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह ईरान और अमेरिका के बीच चल रही तनातनी में एक नया मोड़ हो सकता है।