बॉलीवुड के जाने-माने फिल्ममेकर महेश भट्ट अपनी बेबाक राय और निर्देशन शैली के लिए मशहूर हैं। लेकिन एक समय ऐसा भी था जब उन्होंने अपने ही प्रोडक्शन की एक फिल्म ‘गुलाम’ को आमिर खान की वजह से बीच में ही छोड़ दिया था। इस घटना का खुलासा खुद आमिर खान ने एक पुराने इंटरव्यू में किया था, जो आज भी फिल्म इंडस्ट्री में चर्चा का विषय है।
फिल्म ‘गुलाम’ (1998), जिसमें आमिर खान और रानी मुखर्जी मुख्य भूमिका में थे, पहले महेश भट्ट निर्देशित करने वाले थे। लेकिन शूटिंग शुरू होने के कुछ समय बाद ही महेश भट्ट ने अचानक फिल्म से हाथ खींच लिए थे। इस फैसले ने सबको चौंका दिया था, क्योंकि ‘गुलाम’ उनके अपने बैनर विशेष फिल्म्स के तहत बन रही थी।
आमिर खान ने बाद में इस घटना पर बात करते हुए बताया था कि महेश भट्ट उनसे इतने झुंझला गए थे कि उन्होंने सेट पर ही कह दिया था, “मैं तुम्हें (आमिर) नहीं झेल सकता, मैं ये फिल्म नहीं बना सकता।”
दरअसल, महेश भट्ट और आमिर खान के काम करने का तरीका बिल्कुल अलग था। महेश भट्ट spontaneity और तुरंत फैसला लेने में विश्वास रखते थे, जबकि आमिर खान हर चीज को परफेक्शन के साथ करने और स्क्रिप्ट पर गहराई से काम करने में यकीन रखते थे। आमिर अक्सर स्क्रिप्ट में बदलाव, सीन के रीटेक या छोटी-छोटी डिटेल्स पर सवाल उठाते थे, जिससे महेश भट्ट को लगता था कि वह उनकी क्रिएटिव फ्रीडम में बाधा डाल रहे हैं।
यह वैचारिक मतभेद इतना बढ़ गया कि महेश भट्ट ने फिल्म बीच में ही छोड़ दी। उनके जाने के बाद, फिल्म का निर्देशन विक्रम भट्ट ने संभाला और ‘गुलाम’ एक सफल फिल्म साबित हुई, खासकर इसके गाने और आमिर-रानी की केमिस्ट्री को काफी पसंद किया गया। यह घटना बताती है कि कैसे दो बेहतरीन क्रिएटिव दिमाग, जब अलग-अलग कार्यशैली के साथ आते हैं, तो टकराव की स्थिति पैदा हो सकती है, भले ही वे एक ही लक्ष्य के लिए काम कर रहे हों।