जेब पर फिर भारी पड़ने वाला है बोझ! मोबाइल रिचार्ज प्लान्स में 10-12% की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। टेलीकॉम कंपनियां न केवल टैरिफ बढ़ाने पर विचार कर रही हैं, बल्कि डेटा लिमिट कम करने पर भी मंथन चल रहा है, जिससे उपभोक्ताओं को मिलने वाले डेटा में कटौती हो सकती है। यह खबर उन करोड़ों मोबाइल यूजर्स के लिए चिंता का विषय है जो अपनी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए मोबाइल डेटा और कॉलिंग पर निर्भर हैं।
सूत्रों के अनुसार, टेलीकॉम कंपनियों पर वित्तीय दबाव लगातार बढ़ रहा है। 5G रोलआउट में भारी निवेश, स्पेक्ट्रम शुल्क और अन्य परिचालन लागतों के कारण कंपनियों को राजस्व बढ़ाने की सख्त जरूरत महसूस हो रही है। इसी के चलते वे रिचार्ज प्लान्स की कीमतों में इजाफा करने की तैयारी में हैं।
पिछली बार नवंबर 2021 में मोबाइल टैरिफ में बढ़ोतरी की गई थी, जिसके बाद अब एक बार फिर उपभोक्ताओं को अधिक भुगतान करने के लिए तैयार रहना होगा। यह बढ़ोतरी 10 से 12 प्रतिशत तक हो सकती है, जिसका सीधा असर हर वर्ग के उपभोक्ता पर पड़ेगा।
टैरिफ बढ़ोतरी के साथ-साथ डेटा लिमिट कम करने का विचार भी चल रहा है। यदि यह प्रस्ताव लागू होता है, तो मौजूदा प्लान्स में मिलने वाला डेटा कम हो जाएगा, जिससे यूजर्स को अपनी इंटरनेट संबंधी जरूरतों के लिए अतिरिक्त डेटा पैक खरीदने पड़ सकते हैं या फिर अपने डेटा उपयोग को सीमित करना होगा।
हालांकि, अभी तक किसी भी टेलीकॉम कंपनी ने आधिकारिक तौर पर इन फैसलों की घोषणा नहीं की है, लेकिन इंडस्ट्री के जानकार मान रहे हैं कि यह बढ़ोतरी जल्द ही देखने को मिल सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि कंपनियां कब और कैसे इन बदलावों को लागू करती हैं और इसका उपभोक्ताओं पर क्या प्रभाव पड़ता है। यह निश्चित रूप से मोबाइल यूजर्स के लिए एक और ‘जेब काटने’ वाली खबर साबित होगी।