लीड्स में इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में 5 विकेट की हार के बाद भारतीय टीम की मुश्किलें बढ़ गई हैं। पांच मैचों की इस टेस्ट सीरीज में 0-1 से पिछड़ने के बाद अब भारत को बर्मिंघम के एजबेस्टन मैदान पर दूसरा टेस्ट खेलना है, जहां उसका रिकॉर्ड बेहद खराब रहा है।
एजबेस्टन का मैदान भारतीय टीम के लिए कभी भी भाग्यशाली साबित नहीं हुआ है। 123 साल के इस मैदान के टेस्ट इतिहास में भारत आज तक एक भी टेस्ट मैच नहीं जीत पाया है। भारतीय टीम ने यहां कुल 8 टेस्ट मैच खेले हैं, जिनमें से 7 में उसे हार का सामना करना पड़ा है और सिर्फ एक मैच ड्रॉ रहा है।
इस मैदान पर भारत को कई बार बड़ी हार झेलनी पड़ी है, जिसमें 2011 में पारी और 242 रनों की शर्मनाक हार भी शामिल है। शुभमन गिल की कप्तानी में टीम इंडिया को अब इस ‘अशुभ’ मैदान पर इतिहास बदलना होगा। लीड्स में भारतीय गेंदबाजों का प्रदर्शन औसत रहा था और वे 371 रनों के लक्ष्य का बचाव करने में नाकाम रहे। बर्मिंघम में उन्हें बेहतर प्रदर्शन करना होगा।
इंग्लैंड की टीम लीड्स की जीत से उत्साहित होगी और अपने घरेलू मैदान पर भारत को दबाव में लाने की कोशिश करेगी। भारत को अगर सीरीज में वापसी करनी है, तो उसे बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों विभागों में जबरदस्त प्रदर्शन करना होगा। एजबेस्टन का यह रिकॉर्ड भारतीय टीम के लिए एक बड़ी चुनौती पेश करता है, लेकिन क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है और टीम इंडिया इस चुनौती को पार करने के लिए प्रतिबद्ध होगी।