ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिका द्वारा किए गए हवाई हमलों ने मध्य-पूर्व में स्थिति को बेहद नाजुक बना दिया है। इन हमलों के बाद इजरायल ने अपनी सुरक्षा को देखते हुए एहतियाती तौर पर अपना समस्त हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है, जिससे क्षेत्र में संभावित सैन्य टकराव का खतरा और बढ़ गया है। अमेरिकी वायुसेना ने आज सुबह ईरान के इस्फहान प्रांत में एक और महत्वपूर्ण परमाणु अनुसंधान सुविधा को निशाना बनाया। फोर्डो और नतांज के परमाणु स्थलों पर भी हमले किए गए थे। इन हमलों को अमेरिका ने ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकने के लिए “आवश्यक और सटीक” बताया है।
इजरायल के परिवहन मंत्रालय ने एक बयान जारी कर पुष्टि की कि “सुरक्षा स्थिति के कारण” देश का हवाई क्षेत्र सभी वाणिज्यिक उड़ानों के लिए बंद कर दिया गया है। यह निर्णय ईरान की जवाबी कार्रवाई की धमकियों और क्षेत्र में बढ़ते तनाव के मद्देनजर लिया गया है। इजरायली अधिकारियों ने नागरिकों को हवाई अड्डे पर जाने से बचने की सलाह दी है, क्योंकि ईरान के साथ तनाव लगातार बढ़ रहा है।
ईरान ने इन हमलों की कड़ी निंदा की है और इसे “अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन” करार दिया है। ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने अमेरिका को सीधी धमकी देते हुए कहा है कि अगर और हमले हुए तो अमेरिका का हर नागरिक निशाने पर होगा। इस बीच, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी ईरान को किसी भी जवाबी कार्रवाई के खिलाफ कड़ी चेतावनी दी है।
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने इस बढ़ती तनातनी पर गहरी चिंता व्यक्त की है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने इसे “संभावित विनाशकारी परिणामों” वाला कदम बताया है और सभी पक्षों से संयम बरतने तथा कूटनीतिक समाधान खोजने का आग्रह किया है। इजरायल का हवाई क्षेत्र बंद करना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि क्षेत्र में युद्ध का खतरा गंभीर रूप ले चुका है, और आगे क्या होगा, यह अनिश्चित है।