आज सुबह अमेरिकी वायुसेना ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को बड़ा झटका देते हुए उसकी तीन प्रमुख परमाणु सुविधाओं पर सटीक हवाई हमले किए। प्राप्त जानकारी के अनुसार, इन हमलों में अत्याधुनिक बी-2 स्टील्थ बॉम्बर्स का इस्तेमाल किया गया, जिन्होंने ईरान की हवाई रक्षा प्रणाली को भेदते हुए फोर्डो, नतांज और इस्फहान स्थित परमाणु स्थलों को निशाना बनाया। इन हमलों से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को कई वर्षों पीछे धकेलने का दावा किया जा रहा है।
अमेरिकी रक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने पुष्टि की कि यह सैन्य कार्रवाई ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकने के उद्देश्य से की गई थी। उन्होंने कहा, “हमारे खुफिया जानकारी से पता चला था कि ईरान इन स्थलों पर यूरेनियम संवर्धन और अन्य संवेदनशील परमाणु गतिविधियों को तेज कर रहा था। यह कार्रवाई वैश्विक सुरक्षा के लिए एक आवश्यक कदम था।” प्रवक्ता ने यह भी बताया कि हमले में किसी भी नागरिक हताहत की जानकारी नहीं है।
ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने इन हमलों की कड़ी निंदा की है और इसे “राज्य आतंकवाद” करार दिया है। ईरान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि यह हमला “अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का घोर उल्लंघन” है और इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। ईरानी सरकारी मीडिया ने दावा किया है कि हमले में कुछ इमारतों को नुकसान पहुंचा है, लेकिन महत्वपूर्ण परमाणु सुविधाओं को कोई अपरिवर्तनीय क्षति नहीं हुई है। हालांकि, स्वतंत्र स्रोतों से मिली शुरुआती रिपोर्टें इन दावों से भिन्न हैं।
इस हमले के बाद खाड़ी क्षेत्र में तनाव अप्रत्याशित रूप से बढ़ गया है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने संयम बरतने की अपील की है और तनाव कम करने के लिए तत्काल बातचीत का आह्वान किया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक आपातकालीन बैठक बुलाई गई है, जिसमें स्थिति पर चर्चा की जाएगी। यह देखना बाकी है कि ईरान इन हमलों पर क्या जवाबी कार्रवाई करता है और क्या यह क्षेत्र को एक बड़े संघर्ष की ओर धकेलेगा।