इंग्लैंड के हेडिंग्ले मैदान पर आज से शुरू हो रहे भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज के पहले मुकाबले में भारतीय बल्लेबाजों के सामने एक बड़ी चुनौती है। आंकड़े बताते हैं कि साल 2002 के बाद से इस ऐतिहासिक मैदान पर किसी भी भारतीय बल्लेबाज ने टेस्ट शतक नहीं जड़ा है। ऐसे में, टीम इंडिया के युवा कप्तान शुभमन गिल और धुआंधार बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल पर सबकी निगाहें टिकी हैं कि क्या वे इस सूखे को खत्म कर पाएंगे।
2002 में भारत की ऐतिहासिक जीत
हेडिंग्ले भारतीय टीम के लिए हमेशा से एक मुश्किल मैदान रहा है। भारत को यहां सिर्फ दो टेस्ट मैचों में जीत मिली है, जिसमें आखिरी जीत 2002 में सौरव गांगुली की कप्तानी में मिली थी। उस मैच में राहुल द्रविड़ (148), सचिन तेंदुलकर (193) और सौरव गांगुली (128) ने शतक जड़कर भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई थी। इसके बाद 2021 में भारत को यहां पारी और 76 रन से हार का सामना करना पड़ा था।
अब जब विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे दिग्गज टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं, तो भारत की बल्लेबाजी की जिम्मेदारी युवा कंधों पर आ गई है। शुभमन गिल, जो इस सीरीज में भारत की कप्तानी कर रहे हैं, पर नंबर 4 पर बल्लेबाजी करने की बड़ी जिम्मेदारी होगी। गिल ने अब तक 32 टेस्ट में 5 शतक लगाए हैं, लेकिन इंग्लैंड में उनका रिकॉर्ड उतना प्रभावशाली नहीं रहा है।
दूसरी ओर, यशस्वी जायसवाल ने हाल के दिनों में अपने आक्रामक खेल से काफी प्रभावित किया है और ICC टेस्ट रैंकिंग में भी वह शीर्ष-10 में शामिल हैं। जेम्स एंडरसन जैसे अनुभवी गेंदबाज भी जायसवाल की तारीफ कर चुके हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या गिल और जायसवाल हेडिंग्ले के चुनौतीपूर्ण माहौल में 2002 के बाद शतक जड़ने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बन पाते हैं। यदि वे ऐसा कर पाते हैं, तो यह न केवल उनके व्यक्तिगत करियर के लिए बड़ी उपलब्धि होगी, बल्कि इंग्लैंड की धरती पर सीरीज जीतने की भारत की उम्मीदों को भी बल मिलेगा।