शिवसेना के 59वें स्थापना दिवस के मौके पर शिवसेना यूबीटी के प्रमुख उद्धव ठाकरे और शिवसेना प्रमुख, उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच जुबानी जंग अपने चरम पर पहुंच गई। उद्धव ठाकरे ने अपनी शिवाजी पार्क की रैली में शिंदे पर बेहद फिल्मी अंदाज में निशाना साधते हुए चुनौती दी कि “कम ऑन, किल मी…”। इस भावुक और नाटकीय हमले का शिंदे गुट ने तुरंत पलटवार किया, जिससे महाराष्ट्र की राजनीतिक गरमाहट और बढ़ गई है।
शिवाजी पार्क में शिवसैनिकों को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने अपनी सरकार गिराए जाने और पार्टी में हुई टूट का जिक्र करते हुए कहा, “मैंने सब कुछ खो दिया है, अब और क्या खोना है? अगर हिम्मत है तो आओ और मुझे मार डालो।” उन्होंने शिंदे गुट पर शिवसेना के नाम और चुनाव चिन्ह चुराने का आरोप दोहराया और कहा कि गद्दारों को जनता कभी माफ नहीं करेगी। ठाकरे ने भावुक होते हुए कहा कि वे बालासाहेब ठाकरे की विरासत को बचाने के लिए अंतिम सांस तक लड़ेंगे।
वहीं, एकनाथ शिंदे ने ठाणे में अपनी समानांतर रैली में उद्धव ठाकरे के बयान पर तीखा पलटवार किया। उप मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा, “यह ‘फिल्मी डायलॉग’ नहीं चलेगा। जो लोगों का साथ छोड़कर भागते हैं, उन्हें ऐसे ही डायलॉग बोलने पड़ते हैं।” शिंदे ने आरोप लगाया कि उद्धव ठाकरे ने बालासाहेब के विचारों को छोड़ दिया है और कांग्रेस-एनसीपी के साथ जाकर शिवसेना की विचारधारा से समझौता किया है। उन्होंने दावा किया कि असली शिवसेना उन्हीं के पास है, जो बालासाहेब के हिंदुत्व के सिद्धांतों पर चल रही है। दोनों नेताओं के इन तीखे बयानों से स्पष्ट है कि शिवसेना में विभाजन के बाद भी राजनीतिक कटुता कम नहीं हुई है, बल्कि स्थापना दिवस के बहाने यह और खुलकर सामने आई है। आगामी विधानसभा चुनावों से पहले यह जुबानी जंग और तेज होने की संभावना है।