इजरायल और ईरान के बीच जारी भीषण संघर्ष के बीच, अमेरिका के मध्य पूर्व में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ाने के संकेत मिल रहे हैं। ताजा जानकारी के अनुसार, अमेरिकी नौसेना के युद्धपोत खाड़ी क्षेत्र की ओर बढ़ रहे हैं, जिससे यह अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या अमेरिका इस क्षेत्रीय संघर्ष में सीधे तौर पर शामिल होगा। हालांकि अमेरिका ने अब तक इजरायल के शुरुआती हमलों में अपनी सीधी संलिप्तता से इनकार किया है, लेकिन खाड़ी में इन सैन्य तैयारियों से स्पष्ट है कि वाशिंगटन इस क्षेत्र में किसी भी बड़े बदलाव के लिए तैयार है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस संघर्ष को रोकने के लिए दबाव बना रहा है, लेकिन अमेरिका के इन कदमों से तनाव और बढ़ने की आशंका है।
सूत्रों के हवाले से खबर है कि अमेरिकी विमानवाहक पोत यूएसएस निमित्ज़ (USS Nimitz) को दक्षिण पूर्व एशिया से मध्य पूर्व की ओर भेजा गया है। निमित्ज़ के साथ एक स्ट्राइक ग्रुप भी है, जिसमें विध्वंसक और पनडुब्बियां शामिल हैं। इस युद्धपोत पर 5,000 से अधिक कर्मी और 60 से अधिक विमान मौजूद हैं, जिनमें लड़ाकू जेट भी शामिल हैं। इसके अलावा, अमेरिका ने यूरोप के लिए बड़ी संख्या में ईंधन भरने वाले विमान (रिफ्यूलिंग एयरक्राफ्ट) भी भेजे हैं, जो मध्य पूर्व में संभावित लंबी अवधि के अभियानों के लिए महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।
तुरंत तेहरान खाली करने का आह्वान
अमेरिकी रक्षा अधिकारियों ने इन तैनाती को क्षेत्र में अमेरिकी बलों की रक्षात्मक स्थिति को मजबूत करने और अमेरिकी कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बताया है। हालांकि, ईरान और इजरायल के बीच जिस तरह से हमले-जवाबी हमले हो रहे हैं, उससे इन सैन्य गतिविधियों को सीधे युद्ध में संभावित अमेरिकी हस्तक्षेप के रूप में देखा जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल-ईरान संघर्ष पर चिंता व्यक्त की है और ईरान से अपने परमाणु कार्यक्रम पर जल्द से जल्द समझौता करने का आग्रह किया है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि यदि ईरान अमेरिकी ठिकानों को निशाना बनाता है, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। ट्रंप ने सोमवार को G7 सम्मेलन को बीच में ही छोड़ दिया था और तेहरान के निवासियों से “तुरंत शहर खाली करने” का आह्वान किया था, जिससे स्थिति की गंभीरता और बढ़ गई है।