राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के छोटे से नोहर कस्बे से एक ऐसी सफलता की कहानी सामने आई है, जिसने सभी को चौंका दिया है। हिंदी मीडियम से पढ़ाई करने वाले महेश कुमार ने NEET-UG 2025 में ऑल इंडिया रैंक 1 (AIR 1) हासिल कर इतिहास रच दिया है। यह कहानी इसलिए भी खास है क्योंकि महेश को कभी NEET और JEE जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के नाम से डर लगता था और वह 11वीं कक्षा में विज्ञान के बजाय आर्ट्स विषय लेना चाहते थे। महेश ने अपनी सफलता का श्रेय कड़ी मेहनत, अपने शिक्षकों के मार्गदर्शन और अपने परिवार के अटूट समर्थन को दिया है। एक साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले महेश ने बताया कि शुरुआत में उन्हें अंग्रेजी माध्यम की किताबों और अवधारणाओं को समझने में काफी परेशानी होती थी। “मुझे लगता था कि मैं कभी भी इन बड़ी परीक्षाओं को पास नहीं कर पाऊंगा। 11वीं में तो मैंने आर्ट्स लेने का मन बना लिया था,” महेश ने बताया।
हालांकि, उनके माता-पिता और स्कूल के शिक्षकों ने उन्हें प्रोत्साहित किया और विज्ञान विषय चुनने के लिए प्रेरित किया। महेश ने बताया कि उन्होंने हर दिन नियमित रूप से पढ़ाई की और अपनी कमजोरियों पर काम किया। उन्होंने कहा, “मैंने कभी घंटे गिनकर पढ़ाई नहीं की, बल्कि कॉन्सेप्ट्स को समझने पर ध्यान दिया। जो भी टॉपिक समझ नहीं आता था, मैं उसे बार-बार पढ़ता और अपने शिक्षकों से पूछता था।” महेश के शिक्षकों ने बताया कि वह बेहद मेहनती और समर्पित छात्र था। “वह हमेशा अपने संदेहों को दूर करने के लिए उत्सुक रहता था। उसकी लगन और सीखने की इच्छा ही उसकी सबसे बड़ी ताकत थी,” उनके एक शिक्षक ने कहा।
महेश की इस सफलता ने साबित कर दिया है कि लगन और दृढ़ संकल्प से किसी भी बाधा को पार किया जा सकता है, फिर चाहे वह भाषा की बाधा हो या संसाधनों की कमी। उनकी कहानी अब देश भर के लाखों हिंदी मीडियम छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई है, जो बड़े सपनों को पूरा करने की हिम्मत रखते हैं। महेश अब मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लेकर डॉक्टर बनने के अपने सपने को पूरा करेंगे।