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    अब पलक झपकते ही हो जाएगा UPI पेमेंट, लागू हो गए नए नियम

    भारत में डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में क्रांति लाने वाले यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) में आज से कुछ महत्वपूर्ण बदलाव लागू हो गए हैं। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने UPI लेनदेन की गति बढ़ाने और उपयोगकर्ता अनुभव को और बेहतर बनाने के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिससे अब पलक झपकते ही भुगतान संभव हो सकेगा। इन नए नियमों का उद्देश्य UPI को और अधिक कुशल, विश्वसनीय और सुरक्षित बनाना है। यह बदलाव देश में डिजिटल भुगतान को अपनाने में और तेजी लाएगा और करोड़ों उपयोगकर्ताओं को एक सहज और बेहतर अनुभव प्रदान करेगा। 16 जून, 2025 से UPI द्नारा पेमेंट आदि करने के लिए रेस्पॉन्स टाइम को कम कर दिया गया है। इसके अलावा, बैलेंस की जांच करने से लेकर ऑटो-पेमेंट के तरीके तक, कई चीजों को अपग्रेड किया जा रहा है। ये सुविधा 1 जुलाई, 2025 से लागू होंगे।

    क्या हैं नए नियम और क्या बदलेगा?

    1. तेज लेनदेन: सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि अब UPI लेनदेन को पूरा होने में लगने वाला समय काफी कम हो गया है। पहले जहां किसी भी UPI भुगतान को सफलतापूर्वक डेबिट और क्रेडिट होने में लगभग 30 सेकंड का समय लगता था, वहीं अब यह समय घटकर मात्र 15 सेकंड रह गया है। यह नया नियम फोनपे, गूगल पे, पेटीएम और अन्य सभी UPI प्लेटफॉर्म पर तुरंत प्रभावी होगा, जिससे उपयोगकर्ताओं को एक निर्बाध अनुभव मिलेगा।
    2. जल्दी मिलेगी लेनदेन की स्थिति: यदि कोई UPI लेनदेन किसी कारणवश विफल हो जाता है या प्रक्रिया में अटक जाता है, तो तो उसकी स्थिति जांचने या रिवर्सल की प्रक्रिया भी तेज हो गई है। पहले जहां इसके लिए 30 सेकंड से अधिक का इंतजार करना पड़ता था, वहीं अब यह समय घटकर 10 सेकंड हो गया है। इससे उपयोगकर्ताओं को अपनी लेनदेन स्थिति के बारे में तुरंत जानकारी मिल पाएगी।
    3. धोखाधड़ी पर लगाम : 30 जून 2025 से एक और महत्वपूर्ण सुरक्षा-संबंधित नियम लागू होगा। इसके तहत, UPI भुगतान करते समय आपको प्राप्तकर्ता का केवल बैंक में पंजीकृत वास्तविक नाम ही दिखाई देगा। इससे पहले, QR कोड या उपयोगकर्ता द्वारा परिभाषित नाम भी प्रदर्शित हो सकते थे, जिससे गलत व्यक्ति को पैसे भेजने की संभावना रहती थी। इस बदलाव से धोखाधड़ी को रोकने और भुगतान को अधिक सुरक्षित बनाने में मदद मिलेगी।
    4. मोबाइल नंबर और UPI ID का अपडेट : 1 अप्रैल 2025 से एक नियम पहले ही लागू हो चुका है, जिसके तहत उन UPI IDs को निष्क्रिय कर दिया जाएगा जो निष्क्रिय मोबाइल नंबरों से जुड़ी हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए है कि पुराने या दोबारा आवंटित किए गए मोबाइल नंबरों के कारण कोई त्रुटि या सुरक्षा संबंधी जोखिम न हो। उपयोगकर्ताओं को सलाह दी गई है कि वे अपने बैंक में पंजीकृत मोबाइल नंबर को हमेशा सक्रिय और अपडेट रखें।
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