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    बांग्लादेश में खत्म होगी खींचतान! खालिदा जिया के बेटे से मिले यूनुस, किया बड़ा वादा

    बांग्लादेश में लंबे समय से चली आ रही राजनीतिक अस्थिरता और खींचतान अब खत्म होने की कगार पर है। नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की अध्यक्ष खालिदा जिया के बड़े बेटे, तारिक रहमान से मुलाकात की है। इस मुलाकात के बाद यूनुस ने देश में निष्पक्ष और विश्वसनीय आम चुनाव कराने का बड़ा वादा किया है, जिससे देश के राजनीतिक परिदृश्य में एक नई उम्मीद जगी है। यह मुलाकात लंदन में हुई, जहां तारिक रहमान निर्वासित जीवन जी रहे हैं। इस बैठक को बांग्लादेश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि यह पहली बार है जब यूनुस ने विपक्षी खेमे के किसी प्रमुख नेता के साथ सार्वजनिक रूप से चर्चा की है।

    मुलाकात के बाद जारी एक संयुक्त बयान में, प्रोफेसर यूनुस ने कहा, “हमने बांग्लादेश में लोकतंत्र की बहाली और सभी राजनीतिक दलों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर विस्तृत चर्चा की है। मैं देश में एक निष्पक्ष और विश्वसनीय चुनाव कराने के लिए हर संभव प्रयास करने का वादा करता हूं, ताकि बांग्लादेश के लोग अपनी पसंद की सरकार चुन सकें।” तारिक रहमान ने भी इस मुलाकात को ‘सकारात्मक और फलदायी’ बताया। उन्होंने कहा, “प्रोफेसर यूनुस की भागीदारी से बांग्लादेश में लोकतंत्र को मजबूत करने में मदद मिलेगी। हम उनके वादे का स्वागत करते हैं और उम्मीद करते हैं कि यह देश को राजनीतिक गतिरोध से बाहर निकालेगा।”

    बांग्लादेश पिछले कुछ समय से शेख हसीना की आवामी लीग सरकार और खालिदा जिया की बीएनपी के बीच राजनीतिक टकराव का सामना कर रहा है। बीएनपी ने हाल के चुनावों का बहिष्कार किया था, जिसमें धांधली का आरोप लगाया गया था। प्रोफेसर यूनुस का यह हस्तक्षेप ऐसे समय में आया है जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी बांग्लादेश में समावेशी और निष्पक्ष चुनाव कराने का आह्वान कर रहा है। माना जा रहा है कि प्रोफेसर यूनुस, जो बांग्लादेश में अपनी नैतिक autoridad के लिए जाने जाते हैं, दोनों पक्षों के बीच एक मध्यस्थ की भूमिका निभा सकते हैं। उनका यह वादा, अगर पूरा होता है, तो बांग्लादेश को एक स्थिर और लोकतांत्रिक भविष्य की ओर ले जा सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह मुलाकात और यूनुस का वादा बांग्लादेश की राजनीति में क्या रंग लाता है।

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