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    दर्दनाक संयोग : सिटिंग CM की हो चुकी प्लेन क्रैश में मौत, तब पाकिस्तान ने गिराया था विमान

    गुजरात के इतिहास में विमान दुर्घटनाओं का एक दर्दनाक संयोग सामने आया है, जिसने राज्य को एक बार फिर शोक संतप्त कर दिया है। हाल ही में अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे में पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का निधन हो गया है। इस दुखद घटना ने गुजरात के राजनीतिक इतिहास के एक और भयावह अध्याय को ताजा कर दिया है, जब राज्य ने अपने तत्कालीन मुख्यमंत्री बलवंतराय मेहता को एक विमान दुर्घटना में खो दिया था, और उस घटना का जिम्मेदार पाकिस्तान था।

    बात 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान की है। तत्कालीन मुख्यमंत्री बलवंतराय मेहता 19 सितंबर 1965 को भारत-पाकिस्तान सीमा के पास एक क्षेत्र का दौरा कर रहे थे, जब उनका बीचक्राफ्ट कम्यूटर एयरक्राफ्ट पाकिस्तान वायु सेना के एक लड़ाकू विमान द्वारा मार गिराया गया था। यह घटना गुजरात के कच्छ जिले में हुई थी। इस हमले में मुख्यमंत्री बलवंतराय मेहता, उनकी पत्नी सरोजबेन मेहता, तीन पार्टी कार्यकर्ता, एक पत्रकार और विमान के पायलट सहित सभी 8 लोग मारे गए थे। पाकिस्तान ने दावा किया था कि उन्हें नहीं पता था कि यह एक नागरिक विमान था, लेकिन भारत ने इसे एक जानबूझकर किया गया हमला बताया था। बलवंतराय मेहता गुजरात के दूसरे मुख्यमंत्री थे, और उनकी मौत ने राज्य को गहरे सदमे में डाल दिया था।

    कब: 19 सितंबर 1965 को, जब भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध चल रहा था।
    कौन: गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री बलवंतराय मेहता।
    क्या हुआ: बलवंतराय मेहता एक बीचक्राफ्ट कम्यूटर एयरक्राफ्ट में यात्रा कर रहे थे। यह विमान गुजरात के कच्छ जिले में मीठापुर से भारत-पाकिस्तान सीमा के पास एक क्षेत्र का दौरा करने जा रहा था।
    कैसे: पाकिस्तान वायु सेना (PAF) के एक F-86 सेबर लड़ाकू विमान ने इस नागरिक विमान को मार गिराया। पाकिस्तानी पायलट, कैस हुसैन, ने बाद में दावा किया था कि उन्हें लगा कि यह एक टोही विमान था और उन्हें इसे गिराने का आदेश दिया गया था।
    परिणाम: इस हमले में मुख्यमंत्री बलवंतराय मेहता, उनकी पत्नी सरोजबेन मेहता, उनके स्टाफ के तीन सदस्य, एक पत्रकार और विमान के दो क्रू सदस्यों सहित सभी 8 लोग मारे गए थे।

    2011 में गलती के लिए खेद व्यक्त किया था

    यह घटना भारतीय इतिहास में एक दुखद और महत्वपूर्ण मोड़ थी, क्योंकि बलवंतराय मेहता भारत के पहले ऐसे राजनेता थे जिनकी मृत्यु सीमा पर एक सैन्य कार्रवाई में हुई थी। दशकों बाद, 2011 में, पाकिस्तानी पायलट कैस हुसैन ने विमान के भारतीय पायलट की बेटी को ईमेल लिखकर इस “गलती” के लिए खेद व्यक्त किया था।

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