यह कहानी है राजस्थान के जोधपुर के श्रवण डागा की, जिन्होंने महज 5,000 रुपये की शुरुआती पूंजी से एक ऐसा आयुर्वेदिक जूस ब्रांड खड़ा किया है, जिसका टर्नओवर आज 70 करोड़ रुपये से अधिक है। उनकी यह सफलता उन लोगों के लिए प्रेरणा है, जो कम पूंजी के साथ कुछ अलग करना चाहते हैं। श्रवण डागा की कहानी यह साबित करती है कि यदि किसी के पास दृढ़ इच्छाशक्ति, नवीन विचार और अथक परिश्रम करने की क्षमता हो, तो वह कम संसाधनों के साथ भी बड़ी सफलता प्राप्त कर सकता है। उनकी कहानी उन सभी उद्यमियों के लिए एक मिसाल है जो अपने सपनों को पूरा करने का साहस रखते हैं।
ऐसे हुई शुरुआत, यहां से मिली प्रेरणा
श्रवण डागा बताते हैं कि उन्हें हमेशा से कुछ अलग करने की चाहत थी। उन्होंने महसूस किया कि बाजार में स्वास्थ्यवर्धक और प्राकृतिक उत्पादों की कमी है, खासकर पेय पदार्थों के क्षेत्र में। इसी सोच के साथ उन्होंने आयुर्वेदिक जूस बनाने का विचार किया, जिसमें औषधीय गुणों को बनाए रखते हुए स्वादिष्ट पेय प्रदान किए जा सकें।
पूंजी और प्रारंभिक संघर्ष
श्रवण ने 2013 में सिर्फ 5,000 रुपये से अपने व्यवसाय की शुरुआत की। यह कोई आसान रास्ता नहीं था। उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसमें उत्पादन, गुणवत्ता नियंत्रण, पैकेजिंग और मार्केटिंग प्रमुख थीं। शुरुआती दिनों में उन्होंने स्वयं ही जूस बनाने और उसे बेचने का काम किया। उनका पहला उत्पाद एलोवेरा जूस था, जिसकी बाजार में काफी मांग थी।
सफलता की कुंजी : गुणवत्ता और विस्तार
श्रवण ने हमेशा अपने उत्पादों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने सुनिश्चित किया कि उनके जूस में कोई मिलावट न हो और वे प्राकृतिक रूप से गुणकारी हों। धीरे-धीरे उनके उत्पादों की मांग बढऩे लगी और उन्होंने अपने उत्पाद पोर्टफोलियो का विस्तार किया। आज उनका ब्रांड, प्योर न्यूट्रा (क्कह्वह्म्द्ग हृह्वह्लह्म्ड्ड), एलोवेरा, करेला, आंवला, नोनी जैसे कई आयुर्वेदिक जूस और अन्य स्वास्थ्य पूरक उत्पाद प्रदान करता है।
70 करोड़ का टर्नओवर और आगे का सफर
अपनी कड़ी मेहनत, लगन और गुणवत्ता के प्रति प्रतिबद्धता के कारण श्रवण डागा ने अपने छोटे से व्यवसाय को एक बड़े उद्यम में बदल दिया है। आज उनकी कंपनी का टर्नओवर 70 करोड़ रुपये से अधिक है और उनके उत्पाद पूरे भारत में उपलब्ध हैं। वे अब अपने ब्रांड को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ले जाने की योजना बना रहे हैं।