“ऑपरेशन सिंदूर” ने न सिर्फ पाकिस्तान को हिलाकर रख दिया है, बल्कि इसके दूरगामी परिणाम अमेरिका और चीन के लिए भी चिंता का विषय बन गए हैं। इस सटीक और तेजतर्रार सैन्य कार्रवाई में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के भीतर घुसकर आतंकी ठिकानों के साथ-साथ उसकी सैन्य संपत्तियों को भी भारी नुकसान पहुंचाया। 7 से 10 मई, 2025 के बीच चले इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना ने सिर्फ 23 मिनट के भीतर पाकिस्तान के एक F-16 फाइटर जेट और तीन JF-17 थंडर विमानों को मार गिराया। F-16 विमान अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को दिए गए थे, जबकि JF-17 चीन के सहयोग से निर्मित हैं। इन विमानों का तबाह होना न केवल पाकिस्तान के लिए एक बड़ा सैन्य नुकसान है, बल्कि यह उन देशों के लिए भी झटका है जिन्होंने इन हथियारों को पाकिस्तान को बेचा या बनाने में मदद की।
अमेरिका को झटका : F-16 विमानों का नष्ट होना अमेरिका के लिए एक चिंता का विषय है, क्योंकि ये विमान अमेरिकी सैन्य प्रौद्योगिकी का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह घटना अमेरिका के लिए एक सबक है कि उसके अत्याधुनिक सैन्य उपकरण भी दुश्मन के हाथों में सुरक्षित नहीं हैं और उनका उपयोग आतंकवाद के खिलाफ नहीं, बल्कि क्षेत्रीय अस्थिरता फैलाने में हो सकता है।
चीन को झटका: JF-17 विमानों का नुकसान चीन के लिए भी बड़ा झटका है। चीन अपने सैन्य उपकरणों को वैश्विक बाजार में बेचने का प्रयास कर रहा है, और JF-17 इसका एक प्रमुख उदाहरण है। इन विमानों का इतनी आसानी से नष्ट होना चीन के हथियारों की गुणवत्ता और प्रभावशीलता पर सवाल उठाता है। यह घटना चीन के लिए अपनी सैन्य प्रौद्योगिकी की विश्वसनीयता को लेकर एक गंभीर संदेश है।
ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल पाकिस्तान की सैन्य क्षमता को कमजोर किया है, बल्कि इसने क्षेत्रीय सुरक्षा गतिशीलता को भी बदल दिया है। यह भारत की बढ़ती सैन्य शक्ति और आतंकवाद के खिलाफ उसकी दृढ़ नीति को दर्शाता है, जिसका सीधा असर उन वैश्विक शक्तियों पर पड़ रहा है जो पाकिस्तान के साथ अपने सैन्य और रणनीतिक संबंध बनाए हुए हैं।