ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान और उसके सहयोगी चीन की ‘फेक न्यूज’ फैलाने की कोशिशे उजागर हो गई है। भारतीय सेना के ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान ने दावा किया था कि उसने भारतीय वायुसेना के ठिकानों पर हमला किया है और भारी नुकसान पहुंचाया है, लेकिन चीनी कंपनियों द्वारा जारी की गई सैटेलाइट तस्वीरों ने पाकिस्तान के इन झूठे दावों की पोल खोल दी है।
खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान ने चीन के साथ मिलकर फर्जी सबूत गढ़ने का प्रयास किया था ताकि वह भारत के सैन्य हमलों को कमतर दिखा सके या अपनी ‘जीत’ का झूठा प्रचार कर सके। इन प्रयासों में चीनी सैटेलाइट इमेजरी का कथित तौर पर गलत इस्तेमाल भी शामिल था, जिसमें पुरानी तस्वीरों को वर्तमान घटनाओं से जोड़कर दिखाने की कोशिश की गई।
विशेषज्ञों और ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस विश्लेषकों ने इन तस्वीरों का विश्लेषण किया है। उन्होंने पाया है कि पाकिस्तान द्वारा दावा किए गए कई स्थानों पर जो नुकसान दिखाया गया था, वह दरअसल मौजूदा घटनाओं से पहले का था, या फिर तस्वीरों में किसी भी बड़े नुकसान के निशान नहीं थे। उदाहरण के लिए पाकिस्तान ने दावा किया था कि उसने भारत के आदमपुर एयरबेस पर हमला कर भारतीय वायुसेना के सुखोई-30 एमकेआई को नष्ट कर दिया है, लेकिन सैटेलाइट तस्वीरों ने साफ कर दिया कि यह दावा झूठा है और एयरबेस पर कोई नया नुकसान नहीं हुआ है।
यह घटनाक्रम दर्शाता है कि कैसे कुछ देश गलत सूचना और प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए उन्नत तकनीक का दुरुपयोग कर रहे हैं। हालांकि सैटेलाइट तकनीक और ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस की बढ़ती पहुंच ने ऐसे प्रयासों को बेनकाब करना आसान बना दिया है, जिससे सच्चाई सामने आ रही है। इस खुलासे के बाद पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है।