भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर अगले हफ्ते फ्रांस की यात्रा पर जाने वाले हैं। इस यात्रा का एक महत्वपूर्ण एजेंडा राफेल लड़ाकू विमानों को लेकर चीन और पाकिस्तान द्वारा फैलाए जा रहे दुष्प्रचार पर फ्रांस से बातचीत करना है। हाल ही में कुछ पश्चिमी रिपोर्टों में दावा किया गया था कि भारत के कुछ राफेल विमान दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं, हालांकि भारत सरकार ने इन दावों को खारिज किया है। इन दावों को पाकिस्तान और चीन द्वारा भारत के खिलाफ दुष्प्रचार के रूप में देखा जा रहा है।
क्या है मामला?
कुछ रिपोर्टों में कहा गया था कि भारत के छह विमान गिरे हैं, जिनमें तीन राफेल थे, लेकिन बाद में इन दावों को बदला गया और कहा गया कि शायद एक राफेल गिरा है। वहीं, पाकिस्तान ने अपने दावों को कभी साबित नहीं किया है। फ्रांस के रणनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह के गलत दावे फ्रांस के रणनीतिक और औद्योगिक हितों पर भी असर डाल सकते हैं, क्योंकि फ्रांस राफेल का निर्माता है।
जयशंकर की यात्रा का उद्देश्य
एस. जयशंकर इस यात्रा के दौरान फ्रांस के विदेश मंत्री जीन नोएल बैरट से मुलाकात करेंगे और इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे। यह भी उम्मीद है कि जयशंकर पाकिस्तान द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में उठाए जाने वाले मुद्दों को रोकने के लिए फ्रांस के साथ सहयोग पर भी बात करेंगे। फ्रांस दशकों से आतंकवाद के खिलाफ भारत का सहयोगी रहा है और UNSC में भी भारत का समर्थन करता रहा है।
इस यात्रा से भारत और फ्रांस के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने की उम्मीद है, खासकर रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में। दोनों देशों के बीच राफेल मरीन लड़ाकू विमानों की एक और डील हाल ही में हुई है, जिससे भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ेगी। जयशंकर की यह यात्रा इस दुष्प्रचार का खंडन करने और दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर होगी।
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