रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की आईपीएल 2025 में खिताबी जीत के बाद शहर में हुए भव्य विजय जुलूस और जश्न के दौरान हुई अप्रत्याशित भीड़ और उससे उत्पन्न हुई अव्यवस्था को लेकर कर्नाटक सरकार ने अपना पल्ला झाड़ लिया है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के एक करीबी सूत्र ने स्पष्ट किया है कि सरकार ने आरसीबी या कर्नाटक क्रिकेट एसोसिएशन (केसीए) से बेंगलुरु में विजय समारोह आयोजित करने का कोई अनुरोध नहीं किया था। यह बयान ऐसे समय में आया है जब बेंगलुरु में जश्न के दौरान हुई भारी भीड़भाड़ और कुछ स्थानों पर भगदड़ जैसी स्थिति को लेकर विपक्षी दलों और जनता द्वारा सरकार के भीड़ प्रबंधन पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई, तो 33 लोग घायल हैं।
30 हजार की क्षमता, उमड़े 30 लाख लोग
प्रशासन ने अपनी तरफ से सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण के लिए पूरे इंतजाम किए थे, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में लोगों के आने का अनुमान लगाना मुश्किल था। स्टेडियम की क्षमता 30 हजार थी, लेकिन 30 लाख लोग उमड़े जिससे हालात बेकाबू हो गए। जब कोई टीम खिताब जीतती है तो प्रशंसकों का उत्साह चरम पर होता है और वे स्वाभाविक रूप से अपनी टीम का स्वागत करने के लिए उमड़ पड़ते हैं। विपक्षी दल भाजपा ने इस मुद्दे पर सरकार पर निशाना साधा है, आरोप लगाया है कि सरकार ने जश्न के लिए पर्याप्त सुरक्षा और व्यवस्था नहीं की, जिसके कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि, सरकार के सूत्रों का कहना है कि यह एक सहज भीड़ थी जिसे नियंत्रित करना बेहद चुनौतीपूर्ण था। इस बयान से यह साफ होता है कि सरकार भीड़ के अनियंत्रित होने की जिम्मेदारी आरसीबी और केसीए पर डालना चाहती है, जिन्होंने बेंगलुरु को टीम के विजय समारोह के लिए चुना था। अब देखना होगा कि इस स्पष्टीकरण के बाद विपक्ष और जनता की क्या प्रतिक्रिया रहती है और भविष्य में ऐसे बड़े आयोजनों के लिए क्या नई व्यवस्थाएं की जाती हैं।