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    चीन ब्रह्मपुत्र का पानी रोक भी दे तो क्या होगा? जानें फायदा होगा या फिर नुकसान

    भारत और चीन के बीच सीमा विवाद और पाकिस्तान से ऑपरेशन सिंदूर के बाद अक्सर यह आशंका जताई जाती है कि चीन ब्रह्मपुत्र नदी के पानी को रोककर भारत पर दबाव बना सकता है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि अगर चीन ऐसा करने की कोशिश भी करता है, तो इससे भारत को बड़ा नुकसान होने की बजाय कुछ मायनों में फायदा भी हो सकता है। यह बात नदी के भूगोल और जल प्रवाह की विशेषताओं पर आधारित है। हालांकि चीन ब्रह्मपुत्र पर कुछ बड़े बांधों का निर्माण कर रहा है, लेकिन नदी के भौगोलिक और हाइड्रोलॉजिकल तथ्य बताते हैं कि चीन द्वारा पानी को पूरी तरह से रोकना या उसका भारत पर बड़ा नकारात्मक प्रभाव डालना संभव नहीं है। कुछ मायनों में यह भारत के लिए विशेषकर बाढ़ के प्रबंधन के लिहाज से फायदेमंद ही साबित हो सकता है। भारत और चीन के बीच ब्रह्मपुत्र को लेकर कोई औपचारिक जल संधि नहीं है, लेकिन दोनों देश हाइड्रोलॉजिकल डेटा साझा करने के लिए एक तंत्र पर सहमत हैं, जिससे बाढ़ की चेतावनी में मदद मिलती है।

    ब्रह्मपुत्र की भौगोलिक हकीकत

    ब्रह्मपुत्र नदी को तिब्बत में यारलुंग त्सांगपो के नाम से जाना जाता है। यह चीन से होकर भारत में प्रवेश करती है और फिर बांग्लादेश में बहती है। अक्सर यह माना जाता है कि चूंकि नदी का उद्गम चीन में है, इसलिए चीन का उस पर पूरा नियंत्रण है। लेकिन यह पूरी तरह सच नहीं है। विशेषज्ञों के अनुसार ब्रह्मपुत्र नदी के कुल जल प्रवाह में चीन का योगदान केवल 30 से 35 प्रतिशत है। यह योगदान भी मुख्य रूप से ग्लेशियरों के पिघलने और तिब्बत के पठार में होने वाली सीमित वर्षा पर निर्भर करता है।

    भारत में होता है विस्तार

    ब्रह्मपुत्र नदी भारत में प्रवेश करने के बाद ही अपनी वास्तविक विशालता और प्रवाह हासिल करती है। भारतीय क्षेत्र में प्रवेश के बाद यह कई बड़ी सहायक नदियों से मिलती है और भारत के मॉनसून की भारी बारिश से इसका जल स्तर कई गुना बढ़ जाता है। इसका मतलब है कि नदी का अधिकांश जल प्रवाह भारत के भीतर उत्पन्न होता है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी हाल ही में कहा था कि ब्रह्मपुत्र भारत में एक वर्षा आधारित भारतीय नदी प्रणाली है, जो भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद ज्यादा मजबूत होती है।

    चीन के पानी रोकने से भारत को फायदा कैसे?

    अगर चीन ब्रह्मपुत्र के प्रवाह को रोकने की कोशिश करता है या बांध बनाकर उसके कुछ पानी को रोकता भी है, तो इससे भारत को फायदा ही हो सकता है, खासकर असम जैसे राज्यों के लिए। ब्रह्मपुत्र नदी अक्सर असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में हर साल भीषण बाढ़ का कारण बनती है, जिससे लाखों लोग विस्थापित होते हैं और जान-माल का भारी नुकसान होता है। अगर चीन ऊपरी हिस्से में कुछ पानी को रोकता है, तो इससे भारत में आने वाली बाढ़ की तीव्रता कम हो सकती है, जिससे इस क्षेत्र को भारी राहत मिल सकती है।

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