छत्तीसगढ़ में नक्सलियों पर प्रहार के साथ उनका आत्मसमर्पण भी हो रहा है। यह सरकार की बड़ी सफलता मानी जा रही है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दावा किया है कि राज्य में नक्सलवाद अब अपनी अंतिम साँसें गिन रहा है। उन्होंने मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को पूरी तरह से नक्सल मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। मुख्यमंत्री ने यह बात रायपुर में पत्रकारों से बात करते हुए कही। सीएम साय के अनुसार, जब से उनकी सरकार सत्ता में आई है, सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के खिलाफ मजबूत और लगातार अभियान चलाए हैं, जिससे उन्हें बड़ी सफलता मिली है। उन्होंने बताया कि हाल ही में नक्सली संगठन के सेंट्रल कमेटी के महासचिव बसवा राजू का मारा जाना नक्सलियों के लिए एक बड़ा झटका है, जिससे उनकी कमर टूट गई है।
जिन इलाकों में जाना मुश्किल था, वहां अब सुरक्षा बलों की पैठ
साय ने यह भी बताया कि इस साल 700 से अधिक नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, और कई नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा कैंप स्थापित किए गए हैं, जो अब सरकार की चौकियों की तरह काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले जिन इलाकों में जाना मुश्किल था, वहां अब सुरक्षा बल अंदर तक पहुंच बना चुके हैं। नक्सलवाद के खात्मे के लिए सीएम साय ने विकास और समावेशी नीतियों को भी अपनी रणनीति का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि सरकार बस्तर और पूरे राज्य को शिक्षा, कौशल विकास और कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से बदलने की योजना बना रही है। मुख्यमंत्री ने नक्सलियों से हिंसा का रास्ता छोडक़र मुख्यधारा में लौटने की अपील भी की है। केंद्र सरकार ने भी 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद को खत्म करने का लक्ष्य रखा है, और छत्तीसगढ़ में हो रही प्रगति इस लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।