संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में स्थायी सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी को एक और महत्वपूर्ण समर्थन मिला है। पनामा ने खुलकर भारत के पक्ष में अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा है कि भारत UNSC की स्थायी सीट का पूर्ण रूप से हकदार है। पनामा के इस समर्थन को भारत की कूटनीतिक जीत के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि यह मध्य अमेरिकी देश भी वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती भूमिका को स्वीकार कर रहा है।
पनामा के विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एक बयान में कहा कि “भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, उसकी अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है और वह वैश्विक शांति व सुरक्षा में लगातार योगदान दे रहा है। ऐसे में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उसकी स्थायी उपस्थिति समय की मांग है। हम मानते हैं कि UNSC को और अधिक प्रतिनिधि बनाने के लिए भारत जैसे देशों को शामिल करना आवश्यक है।
भारत लगातार उठा रहा मांग
यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत संयुक्त राष्ट्र के भीतर सुरक्षा परिषद के विस्तार और सुधार की मांग को लगातार उठा रहा है। भारत का तर्क है कि 1945 में बनी यह संस्था आज की वैश्विक वास्तविकताओं को नहीं दर्शाती है। भारत की विशाल आबादी, बढ़ती आर्थिक शक्ति, और संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों में महत्वपूर्ण योगदान उसे स्थायी सदस्यता का एक प्रबल दावेदार बनाता है।
चीन सबसे बड़ा रोड़ा
हालांकि, भारत की स्थायी सदस्यता की राह में अभी भी कुछ चुनौतियां हैं, जिनमें सबसे प्रमुख चीन का विरोध है। बावजूद इसके, अमेरिका, रूस, फ्रांस और ब्रिटेन जैसे कई प्रमुख देशों ने पहले ही भारत की दावेदारी का समर्थन किया है। पनामा जैसे देशों का समर्थन भारत की वैश्विक छवि को और मजबूत करेगा और UNSC सुधारों की प्रक्रिया को गति प्रदान करेगा।