अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने रिपोर्ट में भारत के लिए चिंताजनक चेतावनी जारी की है। रिपोर्ट के अनुसार, चीन वैश्विक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा और स्थायी खतरा बना हुआ है और पाकिस्तान उससे विनाशकारी हथियार प्रणालियों की भारी खरीद कर रहा है, जिससे दक्षिण एशिया में शक्ति संतुलन बिगड़ सकता है। इस रिपोर्ट ने भारत की सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है।
चीन अपनी सैन्य क्षमताओं का तेजी से विस्तार कर रहा
अमेरिकी खुफिया समुदाय के वार्षिक खतरे के आकलन (Annual Threat Assessment) में यह बात सामने आई है कि चीन अपनी सैन्य क्षमताओं का तेजी से विस्तार कर रहा है, जिसमें परमाणु हथियार और लंबी दूरी की मिसाइलें भी शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि बीजिंग “बड़े पैमाने पर विनाश के हथियारों” (Weapons of Mass Destruction – WMDs) का आधुनिकीकरण और विस्तार कर रहा है, जिससे क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता के लिए गंभीर चुनौतियां पैदा हो सकती हैं।
परमाणु और रासायनिक हथियार शामिल
रिपोर्ट में विशेष रूप से पाकिस्तान और चीन के बीच बढ़ते सैन्य सहयोग पर प्रकाश डाला गया है। खुफिया जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान चीन से उन्नत हथियार प्रणालियों, जिनमें संभावित रूप से परमाणु और रासायनिक हथियार शामिल हैं, की बड़ी मात्रा में खरीद कर रहा है। यह खरीद पाकिस्तान की पारंपरिक सैन्य क्षमताओं को तो मजबूत करेगी ही, साथ ही भारत के लिए एक नया सुरक्षा आयाम भी पेश करेगी। अमेरिकी रिपोर्ट में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि चीन अपनी सैन्य शक्ति का उपयोग अपनी क्षेत्रीय महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने और विवादित क्षेत्रों में अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए कर सकता है। भारत के साथ सीमा विवादों और हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की बढ़ती उपस्थिति को देखते हुए, यह चेतावनी भारत के लिए और भी प्रासंगिक हो जाती है। इस रिपोर्ट के बाद, भारत को अपनी रक्षा रणनीति और तैयारियों पर फिर से विचार करने की आवश्यकता होगी। चीन और पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य गठजोड़ का मुकाबला करने के लिए भारत को अपनी रक्षा क्षमताओं को और मजबूत करना होगा और कूटनीतिक स्तर पर भी सक्रिय रहना होगा। यह रिपोर्ट भारत के लिए एक गंभीर चेतावनी है कि उसे अपनी सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा।