नई दिल्ली में हुई राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों की बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए। इस बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की, जिसमें एनडीए शासित राज्यों के लगभग 20 मुख्यमंत्री और 18 उपमुख्यमंत्री शामिल हुए। बैठक में ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के लिए भारतीय सशस्त्र बलों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर प्रशंसा की गई। एक प्रस्ताव पारित कर इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए उन्हें बधाई दी गई। यह प्रस्ताव राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति एनडीए के मजबूत रुख को दर्शाता है और आतंकवाद के खिलाफ भारत के निर्णायक कदमों की पुष्टि करता है। बैठक में पहलगाम आतंकवादी हमले में मारे गए 26 लोगों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की गई, जिसके बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया था।
मोदी सरकार आजादी के बाद पहली सरकार
जातिगत जनगणना कराने के केंद्र सरकार के फैसले को भी सराहा गया। एक अन्य प्रस्ताव में इस निर्णय को सामाजिक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया गया। एनडीए का मानना है कि मोदी सरकार आजादी के बाद पहली ऐसी सरकार है जिसने जातिगत आंकड़ों के संकलन का यह ऐतिहासिक फैसला लिया है, और इसे कांग्रेस व उसके सहयोगियों द्वारा पिछड़े वर्गों के विश्वासघात के विपरीत बताया गया। बैठक में सुशासन और विकसित भारत 2047 के विजन पर भी व्यापक चर्चा हुई। मुख्यमंत्रियों ने अपने-अपने राज्यों में सुशासन के सर्वोत्तम तरीकों पर प्रस्तुतियां दीं। आगामी राष्ट्रीय आयोजनों जैसे मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ, 10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस और आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर भी विचार-विमर्श किया गया। इन सभी विषयों पर चर्चा का उद्देश्य राज्यों और केंद्र के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना और विकास एजेंडे को आगे बढ़ाना है।