दिल्ली से श्रीनगर जा रहे इंडिगो एयरलाइंस के एक विमान को खराब मौसम के कारण इमरजेंसी लैंडिंग की अनुमति नहीं मिली, जिससे पाकिस्तान की अमानवीयता को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। यह घटना उस समय हुई जब विमान भीषण टर्बुलेंस और ओलावृष्टि की चपेट में आ गया था, जिससे विमान का अगला हिस्सा (रेडोम) बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। विमान में 227 यात्री सवार थे। इसके बाद भी पाकिस्तान ने नापाक इरादे जाहिर कर दिए।
भयानक तूफान का सामना करना पड़ा
21 मई को दिल्ली से श्रीनगर जा रहे इंडिगो के विमान को पंजाब के पठानकोट के ऊपर भयानक तूफान का सामना करना पड़ा। विमान में जोरदार टर्बुलेंस था और ओलावृष्टि के कारण यात्रियों में दहशत फैल गई थी। पायलट ने लाहौर एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) से संपर्क कर पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र में कुछ देर के लिए जाने की अनुमति मांगी, ताकि खराब मौसम से बचा जा सके और इमरजेंसी लैंडिंग की जा सके। हैरानी की बात यह रही कि पाकिस्तान के लाहौर एटीसी ने मानवीय आधार पर भी इंडिगो विमान को अपने हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने या लैंडिंग की अनुमति देने से इनकार कर दिया। यह अंतरराष्ट्रीय विमानन नियमों के खिलाफ माना जाता है, जहां ऐसी आपात स्थितियों में मानवीय सहायता को प्राथमिकता दी जाती है।
भारत की प्रतिक्रिया और आईएएफ की भूमिका
पाकिस्तान के इनकार के बाद भारतीय वायुसेना (आईएएफ) ने तुरंत मोर्चा संभाला। पायलट ने भारतीय वायुसेना की उत्तरी कमान से संपर्क किया, जिसके बाद आईएएफ ने विमान को सुरक्षित श्रीनगर में उतारने में मदद की। आईएएफ े पायलट को रियल-टाइम कंट्रोल वेक्टर और ग्राउंड स्पीड अपडेट दिए, जिससे विमान सुरक्षित रूप से लैंड हो सका और 227 यात्रियों की जान बच गई।
बढ़ते तनाव के चलते एयरस्पेस बैन
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब भारत और पाकिस्तान के बीच ऑपरेशन सिंदूर के बाद से तनाव काफी बढ़ गया है। पाकिस्तान ने 24 अप्रैल से भारतीय विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर रखा है, जिसे अब 23 जून 2025 तक बढ़ा दिया गया है। भारत ने भी पाकिस्तानी विमानों के लिए अपना एयरस्पेस बंद कर दिया है। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध कितने नाजुक हैं और आपात स्थिति में भी पाकिस्तान की तरफ से सहयोग की उम्मीद करना बेमानी साबित हो सकता है।