उप्र के अयोध्या स्थित श्री राम जन्मभूमि मंदिर में रामलला की भव्य प्राण-प्रतिष्ठा के बाद अब मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार सहित अन्य नव निर्मित देव प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य अनुष्ठान होने जा रहा है। यह अनुष्ठान 3 जून से शुरू होगा और 5 जून को संपन्न होगा, जिसमें वैदिक विधि-विधान से विभिन्न देवी-देवताओं और ऋषि-मुनियों की मूर्तियों को प्रतिष्ठित किया जाएगा। श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि देव प्रतिमाएंजयपुर से रवाना हो चुकी हैं और आज किसी भी समय परिसर के अंदर भगवान राम, उनके भ्राता लक्ष्मण और मां सीता की प्रतिमाएं पहुंचा दी जाएंगी। जो धार्मिक कार्यक्रम हैं, वे सभी 3 तारीख से शुरू होंगे और 5 तारीख को इसका समापन होगा। उसी के साथ मुख्य मंदिर के जितने भी निर्माण कार्य होंगे वे पूर्ण हो जाएंगे। रख रखाव का कार्य जारी रहेगा। यह अपने आप में बहुत प्रमुख बात है। परिसर में जो अन्य निर्माण कार्य हो रहे हैं, उनके भी सितंबर-अक्टूबर में पूर्ण होने की संभावना है।
दूसरी प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी
इसे दूसरी प्राण प्रतिष्ठा”के रूप में देखा जा रहा है। 22 जनवरी 2024 को हुए मुख्य प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में रामलला (बाल स्वरूप) को गर्भगृह में विराजित किया था। अब इस नए अनुष्ठान में भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमान जी सहित राम दरबार की मूर्तियों की स्थापना की जाएगी। इसके अलावा, परिसर में निर्मित अन्य सात मंदिरों में ऋषि वशिष्ठ, वाल्मीकि, अगस्त्य, विश्वामित्र, अहिल्या, शबरी और निषादराज की प्रतिमाओं की भी प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।
तीन दिवसीय अनुष्ठान और दर्शन व्यवस्था
प्राण प्रतिष्ठा का यह उत्सव तीन दिनों तक चलेगा, जिसमें वैदिक मंत्रोच्चार, विशेष यज्ञ, हवन और अभिषेक जैसे धार्मिक कार्यक्रम होंगे। राम दरबार की मूर्तियों को जयपुर से लाए गए श्वेत संगमरमर से निर्मित किया गया है, और इन्हें 23-24 मई तक अयोध्या लाए जाने की उम्मीद है। श्रद्धालुओं के लिए दर्शन की व्यवस्था भी की जा रही है। मंदिर के प्रथम तल पर सीमित स्थान होने के कारण, शुरुआत में प्रतिदिन 750-1000 लोगों को राम दरबार के दर्शन की अनुमति दी जाएगी। इसके लिए ऑनलाइन पास जारी किए जाएंगे, जिसमें हर घंटे 50 पास उपलब्ध होंगे। यह व्यवस्था शुरुआती तीन महीनों के लिए रहेगी ताकि मंदिर के लोड का परीक्षण किया जा सके।
महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन
यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह अयोध्या के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को भी पुनर्जीवित करेगा। मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया है कि 5 जून को गंगा दशहरा के दिन इन सभी मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा अपने निर्धारित समय पर होगी और 6 जून से भक्त इनके दर्शन कर सकेंगे। इस समारोह में केंद्र या राज्य के कोई भी विशिष्ट अतिथि शामिल नहीं होंगे।