देश के विभिन्न हिस्सों में प्री-मॉनसून की तेज बारिश का दौर जारी है, जिसके चलते कई इलाकों में जलभराव और आवागमन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने संकेत दिए हैं कि इस साल मानसून का आगमन सामान्य से पहले हो सकता है, और यह देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा लाएगा। आईएमडी ने 21 मई से 24 मई तक कई राज्यों के लिए भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज और रेड अलर्ट जारी किया है। तटीय कर्नाटक के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है, जबकि महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भी आंधी-तूफान की चेतावनी दी गई है। इसके बाद दक्षिण-पश्चिम मानसून 27 मई तक केरल में दस्तक दे सकता है, जो सामान्य तिथि (1 जून) से लगभग चार दिन पहले है। यदि ऐसा होता है, तो यह 2009 के बाद सबसे जल्दी मानसून का आगमन होगा। ऐसे में अनुमान है कि 25 मई से शुरू होने वाला नौतपा इस बार उतना नहीं तपेगा और देश के कई हिस्सों में बारिश की गतिविधियों से गर्मी से राहत मिलेगी।
दक्षिणी राज्यों में कहर
केरल, कर्नाटक के तटीय और दक्षिणी हिस्से, और तमिलनाडु में पिछले कुछ दिनों से लगातार भारी बारिश हो रही है। बेंगलुरु जैसे प्रमुख शहरों में भीषण जलभराव देखने को मिला है, जिससे सडक़ें, अंडरपास और फ्लाईओवर बंद हो गए हैं। हासुर रोड जैसे महत्वपूर्ण मार्गों पर भी आवागमन बाधित हुआ है।
सामान्य से अधिक होगी बारिश
कोंकण और गोवा, गुजरात तथा मध्य महाराष्ट्र के लिए भी ढ्ढरूष्ठ ने भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इन क्षेत्रों में प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है। मौसम विभाग ने यह भी भविष्यवाणी की है कि जून से सितंबर तक पूरे देश में सामान्य से अधिक (दीर्घकालिक औसत का 104 प्रतिशत से अधिक) वर्षा होने की संभावना है, जो कृषि और अर्थव्यवस्था के लिए शुभ संकेत है। असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा सहित पूर्वोत्तर के राज्यों में भी अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की संभावना है।
आगे की चेतावनी और सलाह
मछुआरों को बुधवार से सोमवार तक पूर्व-मध्य और दक्षिण-पूर्वी अरब सागर के साथ-साथ केरल, कर्नाटक, कोंकण, गोवा और लक्षद्वीप के तटों पर समुद्र में न जाने की सख्त सलाह दी गई है। यह प्री-मानसून बारिश भले ही कई स्थानों पर जनजीवन को प्रभावित कर रही है, लेकिन यह एक सक्रिय और सामान्य से बेहतर मानसून के आगमन का संकेत भी दे रही है, जो देश के लिए एक अच्छी खबर है।