एशिया के कई हिस्सों में खासकर सिंगापुर, हांगकांग और थाईलैंड में कोरोना के जेएन.1 वेरिएंट के मामलों में अचानक वृद्धि देखी जा रही है। जबकि भारत में स्थिति अभी भी नियंत्रण में बताई जा रही है, यह वेरिएंट और उसके उप-वंश चिंता का विषय बने हुए हैं। हांगकांग में पिछले एक सप्ताह में जेएन.1 वेरिएंट से 31 मौतें दर्ज की गई हैं, जो पिछले 12 महीनों में सबसे अधिक साप्ताहिक मृत्यु दर है। सिंगापुर में भी मामलों और अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ लोगों को सलाह दे रहे हैं कि वे भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनें, बार-बार हाथ धोएं, बीमार होने पर भीड़ से बचें और कोविड-19 के टीकों और बूस्टर खुराक के साथ अपडेट रहें।
भारत में स्थिति और मामले
भारत में स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है, जिसमें 19 मई 2025 तक देश भर में 257 सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं। ये मामले मुख्य रूप से केरल (69), महाराष्ट्र (44) और तमिलनाडु (34) में सामने आए हैं। अधिकारियों का कहना है कि भारत में अधिकांश मामले हल्के हैं और उनमें अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं पड़ी है। हालांकि, भारतीय अधिकारी स्थिति पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं।
जेएन.1 वेरिएंट क्या है?
जेएन.1 वेरिएंट ओमिक्रॉन के बीए.2.86 वंश का एक उप-वंश है। इसे पहली बार अगस्त 2023 में पहचाना गया था और दिसंबर 2023 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट (चिंता का वेरिएंट) के रूप में वर्गीकृत किया गया था। इसमें लगभग 30 उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) हैं, जो इसे प्रतिरक्षा प्रणाली से बचने और अधिक कुशलता से फैलने में मदद करते हैं।
जेएन.1 वेरिएंट के ये हैं लक्षण
- जेएन.1 वेरिएंट के लक्षण पिछले कोविड-19 वेरिएंट के समान ही हैं, और अधिकांश मामले हल्के होते हैं।
- गले में खराश, नाक बहना या बंद होना, सूखी खांसी, बुखार और ठंड लगना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द
- थकान या अत्यधिक थकावट, मतली या दस्त, स्वाद या गंध का नुकसान आदि।