मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में सुरक्षाबलों को एक बार फिर बड़ी सफलता मिलते-मिलते रह गई। पुलिस और हॉक फोर्स के जवान नक्सलियों के काफी करीब पहुंच चुके थे, लेकिन ऐन मौके पर सूखे पत्तों की आहट ने सारा खेल बिगाड़ दिया और नक्सली अलर्ट हो गए। पुलिस और जवानों को देखकर पहले तो उन्होंने ताबड़तोड़ा गोलियां चलाईं। दोनों ओर से 20-20 राउंड फायरिंग हुई। खुद को घिरता देखकर नक्सली अपना सारा सामान छोडक़र घने जंगल में भागने में कामयाब रहे।
15-20 सशस्त्र नक्सली थे
पुलिस के मुताबिक यह घटना सोमवार के दोपहर की है। बालाघाट के लांजी थाना क्षेत्र के बिलालकस के जंगल में खुफिया इनपुट मिलने के बाद हॉस फोर्स की एक विशेष टुकड़ी ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया था। बताया जा रहा है कि जवानों को सूचना मिली थी कि इस इलाके में कुछ इनामी नक्सली छिपे हुए हैं। जैसे-जैसे जवान जंगल के भीतर आगे बढ़ रहे थे, उन्हें नक्सलियों की मौजूदगी के संकेत मिल रहे थे। जवान पूरी सावधानी के साथ उनके गिरेबान तक पहुंचने की फिराक में थे लेकिन जंगल में जवानों के जूते सूखे पत्तों पर पड़ गए और उससे हुई आवाज से नक्सली सतर्क हो गए। नक्सलियों ने खतरा भांपते ही अपना सामान और दस्तावेज छोड़ा और फायरिंग करते हुए घने जंगल का फायदा उठाकर फरार हो गए। जवानों ने तुरंत घेराबंदी की और इलाके में सघन तलाशी अभियान चलाया, लेकिन 15-20 नक्सली भागने में सफल रहे।
छत्तीसगढ़ से आते हैं नक्सली
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 26 मार्च 2026 तक नक्सलियों के सफाए का लक्ष्य रखा है। नक्सली छत्तीसगढ़ से होते हुए मप्र के बालाघाट पहुंचते हैं और बालाघाट, मंडला, डिंडौरी में सक्रियता देखी जाती है। जब भी छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में दबिश बढ़ती है और नक्सली घिरते हैं तो वे मप्र का रुख करते हैं।