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    बेटे के साथ दी 12वीं की परीक्षा, मिले ज्यादा नंबर.. पंजाब के अवतार सिंह की प्रेरणास्पद कहानी

    पंजाब के बरनाला जिले के एक छोटे से गांव के अवतार सिंह ने साबित कर दिया कि शिक्षा के लिए कोई उम्र सीमा नहीं होती। 55 वर्षीय अवतार सिंह ने इस साल अपने 17 वर्षीय बेटे गुरप्रीत सिंह के साथ 12वीं कक्षा की परीक्षा दी और न केवल सफलता हासिल की, बल्कि अपने बेटे से भी ज्यादा अंक प्राप्त करके सबको चौंका दिया। अवतार सिंह पेशे से किसान हैं और उन्होंने अपनी युवावस्था में पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते पढ़ाई छोड़ दी थी। हालांकि, उनके मन में हमेशा शिक्षा प्राप्त करने की इच्छा बनी रही। जब उनके बेटे गुरप्रीत ने 12वीं कक्षा में दाखिला लिया, तो अवतार सिंह ने भी अपनी अधूरी शिक्षा को पूरा करने का फैसला किया। उन्होंने गांव के ही एक स्कूल में दाखिला लिया और बेटे के साथ ही पढ़ाई शुरू कर दी।

    दोनों साथ जाते थे स्कूल

    दोनों बाप-बेटे एक साथ स्कूल जाते थे, साथ में पढ़ाई करते थे और एक-दूसरे की मुश्किलों को समझते हुए आगे बढ़ते रहे। गुरप्रीत के लिए यह अनुभव अनोखा था। उसने कभी सोचा भी नहीं था कि वह अपने पिता के साथ एक ही कक्षा में पढ़ेगा और उनसे प्रतिस्पर्धा करेगा। वहीं, अवतार सिंह के लिए यह एक सपने के सच होने जैसा था। उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर यह मुकाम हासिल किया। हाल ही में जब 12वीं कक्षा के परिणाम घोषित हुए, तो पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ गई। अवतार सिंह ने 78 प्रतिशत अंक हासिल किए, जबकि उनके बेटे गुरप्रीत को 72 प्रतिशत अंक मिले। यह न केवल अवतार सिंह और उनके परिवार के लिए गर्व का क्षण था, बल्कि पूरे गांव के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया।

    दृढ़ संकल्प के साथ किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है

    अवतार सिंह ने अपनी सफलता का श्रेय अपने बेटे और अपने शिक्षकों को दिया। उन्होंने कहा कि गुरप्रीत ने पढ़ाई में उनकी बहुत मदद की और उनके शिक्षकों ने उन्हें हमेशा प्रेरित किया। उन्होंने यह भी कहा कि उम्र सिर्फ एक नंबर है और यदि मन में लगन हो तो किसी भी उम्र में शिक्षा प्राप्त की जा सकती है। गुरप्रीत भी अपने पिता की इस उपलब्धि से बेहद खुश है। उसने कहा कि उसके पिता हमेशा उसके आदर्श रहे हैं और उन्होंने उसे जीवन में कभी हार न मानने की सीख दी है। गांव के सरपंच ने अवतार सिंह को सम्मानित किया और कहा कि उनकी कहानी गांव के अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणादायक है, खासकर उन लोगों के लिए जिन्होंने किसी कारणवश अपनी शिक्षा बीच में ही छोड़ दी थी। अवतार सिंह की यह कहानी यह संदेश देती है कि शिक्षा की कोई सीमा नहीं होती और दृढ़ संकल्प के साथ किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। उनकी सफलता ने न केवल उनके परिवार को गौरवान्वित किया है, बल्कि समाज में शिक्षा के महत्व को भी उजागर किया है।

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