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    बायकॉट तुर्की : उदयपुर के बाद जम्मू से उठी आवाज, लगेगी इतने करोड़ की चपत

    जम्मू-कश्मीर में जम्मू मार्बल डीलर्स एसोसिएशन ने तुर्की उत्पादों के बहिष्कार की घोषणा की है। विक्रेता उत्सव जैन ने बताया कि जो कुछ भी पीछे हुआ है वो काफी दुखद था और जिस तरीके से तुर्की ने पाकिस्तान का समर्थन किया है तो हमने अपने वेंडरों को वहां का सामान खरीदने से मना कर दिया है। हम अपनी दुकान पर तुर्की का पत्थर नहीं बेचेंगे। उदयपुर मार्बल प्रोसेसर्स एसोसिएशन ने यह फैसला लिया है कि वे अपनी दुकानों पर तुर्की से आयातित पत्थर नहीं बेचेंगे। यह निर्णय हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव और इस मुद्दे पर तुर्की के कथित रुख के बाद लिया गया है।

    उदयपुर एशिया में मार्बल का सबसे बड़ा निर्यातक

    एसोसिएशन के अध्यक्ष कपिल सुराना ने मीडिया को बताया कि उदयपुर एशिया में मार्बल का सबसे बड़ा निर्यातक है और समिति के सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से तुर्की के साथ व्यापार बंद करने का फैसला किया है क्योंकि तुर्की पाकिस्तान का समर्थन कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में आयातित होने वाले मार्बल का लगभग 70 प्रतिशत तुर्की से आता है, जिसका सालाना कारोबार लगभग 2,500 से 3,000 करोड़ रुपये है। एसोसिएशन के महासचिव हितेश पटेल ने कहा कि राष्ट्रहित व्यापार और उद्योग से बढक़र है। उन्होंने यह भी कहा कि उदयपुर मार्बल प्रोसेसर्स एसोसिएशन ने स्वतंत्र रूप से तुर्की से मार्बल का आयात बंद कर दिया है और केंद्र सरकार से इस पर औपचारिक प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया है, खासकर मार्बल के आयात पर। यह कदम भारत में बॉयकॉट तुर्की अभियान का हिस्सा है, जो हाल के भू-राजनीतिक घटनाक्रमों के बाद जोर पकड़ रहा है। पुणे के व्यापारियों ने भी तुर्की से सेब का आयात बंद कर दिया है। उदयपुर के मार्बल व्यापारियों का यह फैसला तुर्की के साथ भारत के व्यापारिक संबंधों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है।

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