दिल्ली में भारत के मुख्य न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई ने भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। उन्होंने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का अभिवादन किया। न्यायमूर्ति बी.आर. गवई ने न्यायमूर्ति संजीव खन्ना का स्थान लिया है। न्यायमूर्ति गवई भारत के मुख्य न्यायाधीश बनने वाले पहले बौद्ध हैं। न्यायमूर्ति गवई अनुसूचित जाति समुदाय से दूसरे व्यक्ति हैं जो इस पद को संभाल रहे हैं।
6 महीने का होगा कार्यकाल
न्यायमूर्ति गवई का कार्यकाल अपेक्षाकृत कम होगा और वह 23 नवंबर, 2025 को सेवानिवृत्त होंगे। इस तरह उन्हें करीब 6 माह ही मिलेंगे। इससे पहले न्यायमूर्ति गवई ने कई महत्वपूर्ण मामलों में फैसला सुनाया है। न्यायमूर्ति गवई का मुख्य न्यायाधीश बनना भारतीय न्यायपालिका के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है।