प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदमपुर एयरबेस के दौरे के कई रणनीतिक और प्रतीकात्मक कारण हैं, विशेष रूप से ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि में यह बेहद खास है। दरअसल आदमपुर एयरबेस पंजाब में स्थित है, जो पाकिस्तान के साथ सीमा साझा करता है। यह हवाई अड्डा सामरिक रूप से महत्वपूर्ण है, और किसी भी संभावित संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यह दौरा सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा तैयारियों का जायजा लेने के सरकार के प्रयासों का हिस्सा है। आदमपुर एयरबेस में एस-400 की उपस्थिति भी एक महत्वपूर्ण कारक है। यह अत्याधुनिक वायु रक्षा प्रणाली भारत की सैन्य क्षमताओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस दौरे के दौरान एस-400 को पृष्ठभूमि में दिखाना, भारत की रक्षा क्षमताओं का एक मजबूत प्रदर्शन था। इस प्रकार, प्रधानमंत्री मोदी का आदमपुर एयरबेस का दौरा न केवल सैन्य तैयारियों की समीक्षा करने और जवानों का मनोबल बढ़ाने के लिए था, बल्कि एक मजबूत राजनीतिक और रणनीतिक संदेश देने के लिए भी था।
यह भी था उद्देश्य
- मनोबल बढ़ाना : प्रधानमंत्री ने वहां तैनात सेना के जवानों से मुलाकात की, जिससे उनका मनोबल बढ़ा। यह दौरा जवानों को यह संदेश देता है कि सरकार और देश उनकी सेवाओं को महत्व देते हैं, खासकर हाल के ऑपरेशन के बाद।
- संदेश देना : इस दौरे का उद्देश्य यह भी था कि भारत की सैन्य तैयारियों को दिखाया जाए। और यह भी दिखाया गया कि भारत की सैन्य शक्ति कितनी मजबूत है। पाकिस्तान ने यह दावा किया था कि उन्होंने एस-400 एयर डिफेन्स सिस्टम को नुकसान पहुंचाया है, लेकिन इस दौरे से यह भी साबित हो गया कि भारत का एस-400 एयर डिफेन्स सिस्टम पूरी तरह से सुरक्षित है। यह दौरा एक मजबूत राजनीतिक संदेश भी देता है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
- ऑपरेशन सिंदूर के बाद दौरा : ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह दौरा हुआ है, जो पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर भारत द्वारा की गई कार्रवाई थी। इस ऑपरेशन के बाद, आदमपुर एयरबेस ने हवाई रक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसलिए, प्रधानमंत्री का दौरा उन जवानों को धन्यवाद देने और उनकी सेवाओं को स्वीकार करने का एक तरीका था जिन्होंने ऑपरेशन के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।