पाकिस्तान अक्सर परमाणु हमले की धमकी देकर भारत पर दबाव बनाने की कोशिश करता रहा है, लेकिन इस बार उसका यह प्रोपेगेंडा काम नहीं आया। भारत ने इस धमकी को गंभीरता से नहीं लिया और अपनी रणनीतिक कार्रवाई जारी रखी। जब भारतीय सुरक्षा बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू और कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए, तो पाकिस्तान ने हमेशा की तरह परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी दी। हालांकि इस बार भारत ने संयम और दृढ़ता का परिचय दिया। भारत ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह पाकिस्तान की इस तरह की धमकियों से डरने वाला नहीं है और अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक सभी कदम उठाएगा। भारतीय नेतृत्व ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी पाकिस्तान के गैर-जिम्मेदाराना रवैये से अवगत कराया।
घर में घुसकर मारा, कई बार बार मारा
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में पहले तो पाकिस्तान के 9 आतंक के अड्डे तबाह किए। इसके बाद कई बार पाकिस्तान के शहरों पर कहर बरपाया। भारत ने करीब 8 एयरबेस तबाह कर दिए तो एस 400 से उसके 300-400 ड्रोन मार गिराए। अत्याधुनिक फतेह मिसाइल भी पाकिस्तान को नहीं बचा पाई और जमींदोज हो गई। भारत ने पाकिस्तान की धमकी को नजरअंदाज करते हुए अपनी सैन्य कार्रवाई जारी रखी और आतंकवादियों के ठिकानों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया। इससे यह स्पष्ट संदेश गया है कि भारत अब पाकिस्तान के परमाणु झांसे में आने वाला नहीं है और अपनी सुरक्षा के लिए दृढ़ संकल्पित है। यह घटनाक्रम पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका है, जो अब तक इस तरह की धमकियों का इस्तेमाल करके भारत पर दबाव बनाने की कोशिश करता रहा था।
परमाणु हमले की धमकी इसलिए नहीं आई काम
- भारत की मजबूत सैन्य क्षमता : भारत की पारंपरिक सैन्य शक्ति पाकिस्तान से कहीं अधिक मजबूत है और वह किसी भी दुस्साहस का प्रभावी ढंग से जवाब देने में सक्षम है।
- अंतर्राष्ट्रीय दबाव : अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी पाकिस्तान के परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी को लेकर चिंतित है और उस पर संयम बरतने का दबाव बना रहा है।
- भारत की कूटनीतिक सफलता : भारत ने कूटनीतिक स्तर पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने में सफलता हासिल की है, जिससे उसे अंतरराष्ट्रीय समर्थन नहीं मिल पा रहा है।


