भारत ने 10 मई 2025 को जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी पर बने सलाल और बगलिहार बांध के सभी गेट खोल दिए हैं। इस कदम से पाकिस्तान की ओर भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया है, जिससे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। यह कार्रवाई हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत द्वारा उठाए गए सख्त कदमों की श्रृंखला का हिस्सा है, जिसके लिए भारत ने पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों को जिम्मेदार ठहराया है। इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के भीतर आतंकवादी ठिकानों पर ऑपरेशन सिंदूर नामक जवाबी कार्रवाई भी की थी। सलाला और बगलिहार बांधों के गेट खोले जाने से चिनाब नदी में पानी का स्तर काफी बढ़ गया है, और इसका सीधा असर पीओके के निचले इलाकों पर पडऩे की आशंका है। पहले ही, भारत ने इन बांधों से पानी रोककर पाकिस्तान की ओर जाने वाले जल प्रवाह को काफी कम कर दिया था।
1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता से हुई थी सिंधु जल संधि
सिंधु जल संधि, जो 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता से हुई थी, सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के पानी के उपयोग को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच एक समझौता था। इस संधि के निलंबन और बांधों के गेट खोले जाने को पाकिस्तान पर दबाव बनाने की भारत की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। इस घटनाक्रम से सीमा पर पहले से ही तनावपूर्ण माहौल और गहरा सकता है। पाकिस्तान की ओर से इस पर कैसी प्रतिक्रिया आती है, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।