भारत के साथ बढ़ते तनाव और सैन्य कार्रवाई में शहबाज शरीफ और जनरल मुनीर की कथित विफलता के बाद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ लंदन से स्वदेश लौट आए हैं। पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, नवाज शरीफ ने देश की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए यह कदम उठाया है और अब उन्होंने कमान संभाल ली है। रिपोर्टों में कहा गया है कि नवाज शरीफ ने पाकिस्तानी सेना और सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आपातकालीन बैठकें की हैं, ताकि भारत के साथ चल रहे तनाव को कम किया जा सके और देश की सुरक्षा को मजबूत किया जा सके। उन्हें पाकिस्तानी सेना के भीतर और राजनीतिक हलकों में एक मजबूत नेता के रूप में देखा जाता है।
संसद में भी हलचल तेज
नवाज शरीफ के लौटने के बाद पाकिस्तानी संसद में भी हलचल तेज हो गई है। विपक्षी दलों ने सरकार पर भारत के साथ तनाव को संभालने में अक्षम होने का आरोप लगाया है और नवाज शरीफ से हस्तक्षेप करने की मांग की है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि नवाज शरीफ के लौटने से पाकिस्तान की राजनीतिक और सैन्य रणनीति में बदलाव आ सकता है। यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव चरम पर है। दोनों देशों की सेनाएं हाई अलर्ट पर हैं और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए कड़ी निगरानी रखी जा रही है। नवाज शरीफ की वापसी को पाकिस्तान में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम के रूप में देखा जा रहा है, और यह देखा जाना बाकी है कि वह इस संकट को कैसे संभालते हैं।