भारत का एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम इन दिनों ब्रह्मास्त्र की तरह काम कर रहा है। खासकर पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच इस रूसी निर्मित प्रणाली ने कई हवाई हमलों को नाकाम किया है, जिससे यह देश की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कवच साबित हो रहा है। जब भारत एस-400 खरीद रहा था, तब अमेरिका नाराज हो गया और प्रतिबंध की धमकी भी दी थी। हालांकि भारत ने बिना यह डील पूरी की और एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम को खरीद लिया। अब ये उसके लिए वरदान साबित हो रहे हैं।
क्या है एस-400 की खासियत?
- एस-400 ट्रायम्फ दुनिया के सबसे आधुनिक और शक्तिशाली सतह-से-हवा में मार करने वाले मिसाइल सिस्टम में से एक है। इसकी सबसे बड़ी खासियत इसकी मल्टी-टारगेट एंगेजमेंट क्षमता है। यह एक साथ 36 लक्ष्यों को निशाना बना सकता है, जिसमें विमान, ड्रोन, क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलें शामिल हैं।
- इस सिस्टम में अलग-अलग रेंज की चार प्रकार की मिसाइलें हैं, जो 40 किमी से लेकर 400 किमी तक की दूरी तक लक्ष्यों को भेद सकती हैं। रडार 600 किलोमीटर की दूरी तक लक्ष्यों का पता लगा सकता है और एक साथ 80 लक्ष्यों को ट्रैक कर सकता है।
तेजी से तैनाती और अचूक निशाना
एस-400 की एक और बड़ी विशेषता यह है कि इसे बहुत कम समय में लगभग 5 से 10 मिनट में तैनात किया जा सकता है। यह हर मौसम में प्रभावी ढंग से काम करता है और इसमें जैमिंग से सुरक्षा की भी क्षमता है। इसकी अचूकता और लंबी दूरी की मारक क्षमता इसे दुश्मन के लिए एक खौफनाक हथियार बनाती है।
भारत के लिए इसलिए है महत्वपूर्ण?
भारत ने रूस के साथ 2018 में पांच एस-400 सिस्टम खरीदने का समझौता किया था, जिसकी डिलीवरी 2021 से शुरू हुई। यह सिस्टम भारतीय वायुसेना की ताकत को कई गुना बढ़ा देता है। यह न केवल दुश्मन के हवाई हमलों को विफल करने में सक्षम है, बल्कि यह देश के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करता है। इसे भारत का सुदर्शन चक्र भी कहा जा रहा है, जो दुश्मनों के किसी भी नापाक इरादे को पलक झपकते ही नाकाम कर सकता है।
वर्तमान में भारत और पाकिस्तान के बीच जो तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है, उसमें एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम भारत के लिए एक रणनीतिक बढ़त साबित हो रहा है। यह आकाश से आने वाले किसी भी खतरे को भांपकर उसे नष्ट करने की क्षमता रखता है, जिससे देश की सुरक्षा और भी मजबूत हो गई है।