पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के मुजफ्फराबाद में झेलम नदी में अचानक जलस्तर बढऩे से बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। स्थानीय प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से जल आपातकाल घोषित कर दिया है और नदी के किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की चेतावनी जारी की है। मस्जिदों से भी लगातार एनाउंसमेंट कर लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा जा रहा है। पाकिस्तान के कुछ अधिकारियों ने इस अप्रत्याशित बाढ़ के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया है। उनका आरोप है कि भारत ने बिना किसी पूर्व सूचना के झेलम नदी में अधिक पानी छोड़ दिया जिससे यह स्थिति उत्पन्न हुई है। हालांकि भारत की ओर से इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
जलस्तर सामान्य से 7-8 फीट ऊपर चला गया
झेलम नदी का जलस्तर सामान्य से 7-8 फीट ऊपर चला गया है, जिससे निचले इलाकों में पानी भर गया है। इससे लोगों में दहशत का माहौल है और वे अपने घरों को छोडक़र सुरक्षित स्थानों की ओर भाग रहे हैं। हट्टियन बाला इलाके में विशेष रूप से स्थिति गंभीर बताई जा रही है।
जलयुद्ध की शुरुआती रुझान
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। भारत ने पहले ही सिंधु जल संधि पर पुनर्विचार करने की बात कही है और अब झेलम नदी में बाढ़ की इस घटना ने दोनों देशों के बीच संबंधों को और जटिल बना दिया है। स्थानीय प्रशासन बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य शुरू करने की कोशिश कर रहा है। हालांकि पानी के तेज बहाव और अंधेरे के कारण बचाव कार्यों में मुश्किलें आ रही हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान करने के प्रयास जारी हैं। झेलम नदी में आई इस अचानक बाढ़ ने पीओके में रहने वाले लोगों के लिए एक नई मुसीबत खड़ी कर दी है। उन्हें न केवल अपने घरों और सामान का नुकसान होने का डर है, बल्कि अपनी सुरक्षा को लेकर भी चिंताएं बढ़ गई हैं।