भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में बन रहे भव्य राम जन्मभूमि मंदिर में राम जन्मभूमि आंदोलन के गौरवशाली इतिहास को दर्शाने के लिए पीतल की विशेष प्लेटें लगाई गई हैं। ये प्लेटें मंदिर परिसर के महत्वपूर्ण स्थानों पर स्थापित की जा रही हैं, ताकि आने वाली पीढिय़ां इस ऐतिहासिक संघर्ष और भगवान राम के जन्मस्थान के महत्व को जान सकें। प्रत्येक पीतल की प्लेट पर आंदोलन के विभिन्न महत्वपूर्ण चरणों, प्रमुख घटनाओं और इसमें शामिल रहे महत्वपूर्ण व्यक्तियों का संक्षिप्त विवरण उत्कीर्ण किया गया है। इन प्लेटों में 1980 के दशक में शुरू हुए आंदोलन से लेकर 1992 में विवादित ढांचे के विध्वंस और अंतत: सर्वोच्च न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले तक की प्रमुख घटनाओं को कालक्रमानुसार दर्शाया गया है।
लाखों राम भक्तों के अटूट संकल्प को भी रेखांकित किया
इन प्लेटों पर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और अन्य हिंदू संगठनों की भूमिका, संतों और महात्माओं का योगदान, और लाखों राम भक्तों के अटूट संकल्प को भी रेखांकित किया गया है। आंदोलन के दौरान हुए विभिन्न संघर्षों, रैलियों और कानूनी लड़ाइयों का भी संक्षिप्त उल्लेख इन प्लेटों पर मिलेगा। मंदिर ट्रस्ट के अधिकारियों का कहना है कि इन पीतल की प्लेटों का उद्देश्य न केवल इतिहास को संजोना है, बल्कि यह श्रद्धालुओं और पर्यटकों को राम जन्मभूमि आंदोलन की व्यापकता और इसके महत्व से भी अवगत कराएगा। यह पहल युवा पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत के बारे में जानने और समझने में मदद करेगी।
मंदिर की भव्यता और सुंदरता के साथ पूरी तरह से मेल खा रहीं
इन प्लेटों को इस प्रकार से डिजाइन किया गया है कि ये मंदिर की भव्यता और सुंदरता के साथ पूरी तरह से मेल खाती हैं। पीतल की टिकाऊ प्रकृति यह सुनिश्चित करती है कि ये ऐतिहासिक अभिलेख आने वाले कई वर्षों तक सुरक्षित रहें और लोगों को प्रेरित करते रहें। यह राम जन्मभूमि मंदिर को न केवल एक पूजा स्थल बल्कि भारतीय इतिहास के एक महत्वपूर्ण अध्याय का जीवंत स्मारक भी बनाएगा।