बॉलीवुड के एक्शन स्टार 67 साल की उम्र में जाट बनकर वही दमखम दिखाने मैदान में उतरे हैं। बढ़ती हुई उम्र का असर दिखने के बावजूद वह अपने स्वैग, स्टाइल और एक्शन से अब भी इस बात पर भरोसा दिलाते हैं कि उनका यह ढाई किलो का हाथ दर्जनों गुंडों को अकेले पीट-पीटकर भूसा भर सकता है। वह चलती जीप रोक सकता है और भारी-भरकम पंखे को उठाकर हवा में उड़ा सकता है। फिल्म जाट साउथ इंडियन स्टाइल में 80 के दशक वाले एंग्री यंग मैन सनी देओल की वापसी है। यह विशेष रूप से मसाला फिल्मों के शौकीनों को ध्यान में रखकर बनाई गई है।
यह है जाट की कहानी
फिल्म की शुरुआत जंगलों के बीच एक रोमांचक एक्शन सीन से होती है, जहां राणातुंगा (रणदीप हुड्डा), उसका भाई सोमुलू (विनीत कुमार सिंह) और कुछ और साथी पेड़ों से लटक-लटककर जवानों के सिर काटते दिखते हैं। श्रीलंका से भारत में पुलिसवाले को रिश्वत खिलाकर अपने कुनबे के साथ घुसा राणातुंगा आंध्र प्रदेश के 30 सुदूर गांवों को अपनी लंका बना डालता है। बर्बरता और खून-खराबे से वह गांववालों से जबरदस्ती उनकी जमीनें हथिया रहा होता है। तभी एक किसान से जवान बने ब्रिगेडियर बलदेव प्रताप सिंह (सनी देओल) की एंट्री होती है। गांव में अत्याचार करते खूंखार विलेन से आजादी दिलाने अवतरित होने वाले मसीहा की कहानी अस्सी के दौर में ले जाएगी। वह हाथ से इडली गिराने वाले मामूली गुंडे से सॉरी मांगते-मांगते लोकल भ्रष्ट नेता के जरिए सोमुलू और फिर राणातुंगा तक पहुंचता है। वह किस तरह राणातुंगा के पूरे साम्राज्य को ताश के पत्ते की तरह बिखेर देता है, यह देखने के लिए आपको सिनेमाघरों की ओर रुख करना पड़ेगा।