राजस्थान में अधिकांश इलाकों में अधिकतम तापमान 44-46 डिग्री सेल्सियस है। अधिकांश इलाकों में हीट वेव की स्थिति बनी हुई है। बाड़मेर में अधिकतम 46.2 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज़ हुआ है। हीट वेव का दौर अगले 24 घंटों तक जारी रहने की संभावना है। इसके बाद तापमान में गिरावट होगी। दरअसल देश के पश्चिमोत्तर इलाकों में भीषण गर्मी का दौर शुरू हो चुका है। दिल्ली-एनसीआर में भी दो दिन से लू का प्रकोप जारी है। दिल्ली में बढ़ती गर्मी में पावर डिमांड भी 5000 मेगावॉट को पार कर गई है।
अच्छी बारिश का अनुमान
मौसम एजेंसी स्काईमेट के अनुसार, जून से सितंबर के बीच चार महीनों में औसतन 103 प्रतिशत बारिश हो सकती है। अगर बारिश 96 से 104 प्रतिशत के बीच हो तो उसे सामान्य माना जाता है। स्काईमेट के एमडी जतिन जैन ने बताया कि शुरुआत में मानसून थोड़ा धीमा रह सकता है। जून में बारिश थोड़ी कम हो सकती है। जुलाई और अगस्त में यह रफ्तार पकड़ेगा और अगस्त और सितंबर में ज्यादा बारिश होगी।
उत्तर में कम बारिश का अनुमान
स्काईमेट के अनुसार पश्चिम और दक्षिण भारत में अच्छी बारिश की उम्मीद जताई गई है। महाराष्ट्र और एमपी जैसे कोर मॉनसून क्षेत्रों में पर्याप्त बारिश होगी। पश्चिमी घाट, केरल, तटीय कर्नाटक और गोवा में पर्याप्त बारिश हो सकती है। पूर्वोत्तर भारत और उत्तर भारत के पहाड़ी राज्य जैसे मेघालय, सिक्किम, उत्तराखंड और हिमाचल में सामान्य से कम बारिश देखने को मिल सकती है।
10 अप्रैल से राहत की आस
10 अप्रैल से मौसम में बदलाव दिखने लगेंगे और आंशिक बादल छाए रहेंगे। तेज हवाओं के साथ बिजली कडक़ सकती है। एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस उत्तर भारत की पहाडिय़ों में पहुंच चुका है। जल्द ही उत्तरी पंजाब और राजस्थान के बॉर्डर पर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनने की संभावना है।